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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार।
बिहार के समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी के अलावा भाजपा विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने भी कुछ मंत्रियों पर तबादले में वसूली का आरोप लगाया है। मंत्री का नाम लिए बगैर ज्ञानू ने कहा कि करोड़ों की वसूली हुई है
पटना:- बिहार में तबादले का सीजन 30 जून को समाप्त होने के साथ ही सियासत गरमा गई है। विपक्ष के बजाए सत्ताधारी दल के विधायक और समाज कल्याण मंत्री ने ही सरकार और अफसरों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा कर दिया है। भाजपा विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू और ने दो हजार से अधिक तबादले में जदयू में दूसरे दल आए मंत्री पर वसूली का आरोप लगाया है। उन्होंने मंत्री नाम लिए बगैर कहा है कि करोड़ों रुपये की वसूली हुई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंत्रियों के घर छापेमारी कराए तो सच्चाई सामने आ जाएगी
दूसरी ओर समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने अफसरों पर मनमानी करने का आरोप लगाकर इस्तीफे की चेतावनी दे दी है। दरअसल, सरकार हर वर्ष जून महीने में अधिकारियों और कर्मियों का बड़े पैमाने पर तबादले करती है। सीधे तौर पर स्थानांतरण का अधिकार मंत्री को होता है। पहली जुलाई के बाद यह अधिकार मंत्रियों के पास नहीं रह जाता है। 30 जून बाद मुख्यमंत्री से अनुमति लेनी पड़ती है।
स्थानांतरण में बड़े स्तर पर खेल
ज्ञानू ने दो टूक कहा कि मंत्रियों के घर पर छापेमारी होनी चाहिए। हमें लगातार इसकी सूचना विभाग के अधिकारियों से मिल रही है। उन्होंने अपनी पार्टी यानि भाजपा कोटे के कई मंत्रियों के बारे में कहा कि यह जानकारी मिली है कि स्थानांतरण में बड़े स्तर पर खेल हुआ है। वहीं, उन्होंने जेडीयू कोटे के एक मंत्री पर करोड़ों रुपये की अवैध कमाई का आरोप लगाया। ज्ञानू ने भाजपा कोटे के कई मंत्रियों को तो नौसिखिया बताते हुए कहा कि एक-एक अधिकारी से लाखों रुपये लेकर ट्रांसफर-पोस्टिंग की गई है।
छापेमारी में बरामद होंगे करोड़ों
उन्होंने कहा कि मंत्रियों के घर पर छापेमारी की जाए तो करोड़ों रुपये बरामद होंगे। ज्ञानू ने कहा कि मंत्री पैसा तो अपने घर में ही रखे होंगे, क्योंकि वे तो अपने को सुरक्षित समझते हैं। मंत्रियों को लगता है कि उनके आवास में छापेमारी नहीं हो सकती। सरकार हिम्मत दिखाकर कार्रवाई करे तो करोड़ों रुपये बरामद होंगे।
भाजपा 42 करोड़ घोटाले की कराए जां
ज्ञानू ने भाजपा के प्रदेश महामंत्री और एमएलसी देवेश कुमार की वायरल आडियो की भी जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि महामंत्री जैसे जिम्मेदार पद बैठा व्यक्ति अगर पार्टी के अंदर 42 करोड़ रुपये के घोटाले की बात कर रहा है तो यह अपने आप में गंभीर विषय है।