रिश्वत मामले में फंसे प्रचारक के समर्थन में उतरा संघ, कहा-राजनीतिक स्वार्थ से छवि खराब करने का प्रयास

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RGA न्यूज़

रिश्वत के मामले में आरएसएस ने कहा, निंबाराम हर तरह की जांच में सहयोग करने को तैयार।

बीवीजी से जुड़े रिश्वत कांड में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा दर्ज किए गए केस को लेकर संघ ने बृहस्पतिवार को चुप्पी तोड़ी है। संघ खुलकर निंबाराम के समर्थन में आया।

जयपुर। जयपुर नगर निगम ग्रेटर के क्षेत्र में सफाई करने वाली बीवीजी से जुड़े रिश्वत कांड में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा दर्ज किए गए केस को लेकर संघ ने बृहस्पतिवार को चुप्पी तोड़ी है। संघ खुलकर निंबाराम के समर्थन में आया। संघ ने कहा कि निंबाराम हर तरह की जांच में सहयोग करने को तैयार है। संघ के क्षेत्रीय कार्यवाह हनुमान सिंह ने एक बयान जारी कर कहा कि राजनीतिक स्वार्थ से उनकी छवि खराब करने का प्रयास किया जा रहा है। इस मामले में संघ कानूनी कार्रवाई के विकल्पों पर विचार कर रहा है। हनुमान सिंह ने कहा कि बीवीजी कंपनी के प्रतिनिधि निंबाराम के पास उदयपुर स्थित प्रताप गौरव केंद्र में अपने फंड से सहयोग करने का प्रस्ताव लेकर आए थे।

निंबाराम ने उनसे आग्रह किया था कि वे इस केंद्र का दौरा करें और वहां की जरूरत के अनुसार उचित लगे तो सहयोग देने पर विचार करें। कंपनी के प्रतिनिधियों ने केंद्र के दौरे की तारीख तय नहीं की, इसलिए फंड से किसी राशि या अन्य किसी रूप में सहायता लेने का सवाल ही नहीं उठता। यह एक सामान्य शिष्टाचार की मुलाकात थी, इसे संघ में उनकी भूमिका से जोड़ना गलत है। उन्होंने कहा कि अलग-अलग समय और संदर्भ में की गई बातचीत की वीडियो रिकॉर्डिंग कर उन्हें जोड़कर राजनीतिक कारणों से उसके अन्य अर्थ लगाए जा रहे हैं। यह तथ्यों के विपरित और सिर्फ सनसनी फैलाने के लिए जारी किए हैं।

जानें, क्या है मामला

निलंबित महापौर सौम्या गुर्जर के पति राजाराम गुर्जर और बीवीजी के दो प्रतिनिधियों ओमप्रकाश सप्रे व संदीप चौधरी के बीच 276 करोड़ रुपये के बिल का भुगतान करने के बदले 20 लाख रुपये की रिश्वत मामले को लेकर तीन वीडियो पिछले दिनों वायरल हुए थे। इनमें निंबाराम भी बैठे हुए नजर आ रहे हैं। वे बीच-बीच में कुछ बोलते हैं, जो साफ सुनाई नहीं दे रहा। वीडियो को आधार बनाकर ब्यूरो ने चारों के खिलाफ मामला दर्ज किया। पूछताछ के बाद राजाराम और सप्रे को गिरफ्तार कर लिया गया। चौधरी फरार हो गया। 

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