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RGA न्यूज़
जनहित याचिका पर हाई कोर्ट ने यूपी में मरीजों का आर्थिक शोषण करने वाले अस्पतालों से पूरक हलफनामा मांगा है।
याचिका में अस्पतालों द्वारा सरकारी नियम-कानून की अनदेखी मरीजों के आर्थिक शोषण अतिरिक्त बिल अमानवीयता और संवेदनहीनता को आधार बनाया गया है। याचिका में यूपी सरकार के साथ ही राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और कोविड उपचार से जुड़ी अथारिटी को विपक्षी के तौर पर पक्षकार बनाया गया है।
प्रयागराज, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश में मरीजों का आर्थिक शोषण करने वाले अस्पतालों को पूरक हलफनामा दाखिल करने का दो सप्ताह का समय दिया है। मामले की अगली सुनवाई 16 जुलाई को होगी। यह आदेश कार्यवाहक मुख्य न्यायमूर्ति एमएन भंडारी एवं न्यायमूर्ति राजेंद्र कुमार की खंडपीठ ने आगरा के समाजसेवी गजेंद्र शर्मा की जनहित याचिका पर दिया है।
याचिका में अमानवीयता और संवेदनहीनता को बनाया गया आधार
याचिका में अस्पतालों द्वारा सरकारी नियम-कानून की अनदेखी, मरीजों के आर्थिक शोषण, अतिरिक्त बिल, अमानवीयता और संवेदनहीनता को आधार बनाया गया है। याचिका में यूपी सरकार के साथ ही राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और कोविड उपचार से जुड़ी अथारिटी को विपक्षी के तौर पर पक्षकार बनाया गया है।
...फिर भी उन आरोपी अस्पतालाें पर कठोर कार्रवाई नहीं की ग
याचिका में कहा गया है कि किसी भी स्तर पर पारदर्शिता नहीं बरती गई। कहीं मृत मरीजों के नाम पर तो कहीं ऑक्सीजन की आड़ में लाखों की वसूली की गई। 'लुटेरे' अस्पतालों के शिकार लोगों की शिकायत जिला प्रशासन और स्वास्थ्य महकमे के सक्षम अधिकारियों तक भी पहुंची। फिर भी उन आरोपी अस्पतालों पर कठोर कार्रवाई नहीं की गई।