लंबे समय बाद प्रयागराज में स्कूल खुले तो साफ सफाई और रजिस्टर बनाने में ही गुजर गया पहला दिन

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RGA न्यूज़

अधिकांश परिषदीय और माध्यमिक विद्यालयों में पहला दिन साफ सफाई और विद्यार्थियों के रजिस्टर बनाने में बीता।

शिक्षक और कर्मचारी स्कूल पहुंचे लेकिन बच्चे घरों में हैं। उनकी पढ़ाई आनलाइन चल रही है। पहले दिन शिक्षकों ने स्कूल से ही जूम एप या फिर वाट्सएप के जरिए क्लास ली। अधिकांश परिषदीय और माध्यमिक विद्यालयों में पहला दिन साफ सफाई और विद्यार्थियों के रजिस्टर बनाने में बीता।

प्रयागराज, ग्रीष्मावकाश व कोरोना के चलते लगे लाकडाउन के बाद गुरुवार को पहली बार सभी विद्यालय खुले। शिक्षक और कर्मचारी स्कूल पहुंचे लेकिन बच्चे अब भी घरों में हैं। उनकी पढ़ाई आनलाइन चल रही है। पहले दिन शिक्षकों ने स्कूल से ही जूम एप या फिर वाट्सएप के जरिए क्लास ली। अधिकांश परिषदीय और माध्यमिक विद्यालयों में पहला दिन साफ सफाई और विद्यार्थियों के रजिस्टर बनाने में बीता।

शिक्षकों ने अभिभावकों को फोन कर बच्चों की गतिविधि के बारे में भी पूछा

प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों नए सत्र से बीएसए के निर्देश पर कुल 13 रजिस्टर रखे जाएंगे। जिनका विवरण प्रेरणा पोर्टल पर भी अपडेट होगा। उच्च प्राथमिक विद्यालय रोशन बाग में कक्षाओं की सफाई के साथ शौचालय व विद्यालय परिसर व्यवस्थित किया गया। उच्च प्राथमिक विद्यालय साउथ मलाका में शिक्षकों ने अभिभावकों को फोन कर बच्चों की गतिविधि के बारे में भी पूछा। उच्च प्राथमिक विद्यालय फाफामऊ बजार के शिक्षकों ने फोन कर पढ़ाई के लिए जानकारी उपलब्ध कराई। प्राथमिक विद्यालय पुराना मम्फोर्डगंज में भी नामांकन बढ़ाने के लिए चर्चा हुई। माध्यमिक विद्यालयों में भी प्रधानाचार्यों ने सभी शिक्षकों के साथ बैठक की और आनलाइन पढ़ाई को प्रभावी बनाने की रणनीति बनाई। नियमित रूप से उपस्थिति पंजिका बनाई जाए, विद्यार्थियों का विवरण भी रखा जाए। समय समय पर प्रत्येक अभिभावक से फोन पर भी बात करने के लिए निर्देशित किया गया। इन सब के बीच शिक्षकों ने आनलाइन कक्षाएं भी लीं।

परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों को मिले परिचयपत्र

परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों को परिचयपत्र बांटे गए। कुछ विकासखंडों में परिचयपत्र नहीं बने, बने हैं तो स्कूल को नहीं मिले। परियोजना अधिकारी केके सिंह ने उच्च प्राथमिक विद्यालय अंदावा का निरीक्षण किया। प्रधानाध्यापक वंदना ने बताया कि विवेक, अनिल व अमर तीन प्रेरणा साथी चुने गए।

आनलाइन पढ़ाई में बढ़ी अभिभावकों की भूमिका

 अभी भौतिक कक्षाओं की उम्मीद बहुत कम है। ऐसे में आनलाइन पढ़ाई को प्रभावी बनाना जरूरी है। अभिभावकों को भी भूमिका बढ़ानी होगी। बच्चों की गतिविधि पर नजर रखते हुए रिपोर्ट दें। इससे बच्चे ठीक से पढ़ पाएंगे। इसमें नियमित पढऩे-लिखने का अभ्यास कराना होगा।

शिक्षक को नियमित रूप से विषय व कक्षावार अध्यापन के लिए निर्देशित किया है। वाट््स्एप ग्रुप पर नोट््स दिया जा रहा है। आडियो मैसेज के जरिए भी क्लास ले रहे हैं। सप्ताह में कम से कम एक बार अभिभावकों से टीचर संपर्क करेंगे और बच्चों की मुश्किलों के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।

- अमिता सक्सेना, प्रधानाचार्य, केपी गल्र्स इंटर कालेज।

टीचरों ने विषय और क्लास के अनुसार वाट्सएप ग्रुप बनाया है। उसी पर क्लास चल रही है। कुछ क्लास जूम एप पर भी चल रही हैं। अभिभावकों की राय है कि बोर्ड परीक्षा वाले बच्चों की भौतिक कक्षाएं शुरू हों। फिलहाल बारी बारी से बच्चों से फोन कर कठिनाई जानने का प्रयास हो रहा है।

- डा. इंदू सिंह, प्रधानाचार्य, जीजीआइसी, सिविल लाइंस।

कक्षावार ग्रुप में प्रत्येक शिक्षक शामिल होंगे। आनलाइन पढ़ाई का विवरण डायरी में दर्ज करें। 15 दिन पर डायरी देखकर शिक्षण कार्य का मूल्यांकन होगा। किस क्लास का कौन सा अध्याय पढ़ाया गया और वह बच्चों को कितना समझ में आया इसके लिए टेस्ट भी बीच बीच में टेस्ट भी लिए जाएंगे।

-टीएन पाठक, प्रधानाचार्य, सीएवी इंटर कालेज।

अभिभावकों से शिक्षक फोन पर संपर्क कर रहे हैं। सप्ताह में एक बार अभिभावकों को बुलाने पर विचार हो रहा है। वह बच्चों की समस्याओं को व उनके प्रश्नों को लेकर आएंगे। शिक्षक उनका जवाब मौखिक या विषय संबंधी होने पर लिखकर देंगे। जरूरत के अनुसार फोन पर भी बात करेंगे।

-स्वास्तिक बोस, प्रधानाचार्य, एबीआइसी

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