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इटावा और सपा का इटावा में चल रहा विवाद।
गुरुवार क शाम को एसीजेएम न्यायालय से क्लीनचिट मिलने के बाद स्वतंत्र रूप से कहीं भी जाने की आजादी के आदेश के बाद क्षेत्र पंचायत सदस्य रामकरन बघेल अदालत से निकलने के बाद ही गायब हो गया। इससे भारतीय जनता पार्टी के नेता भड़क गए ।
इटावा, ब्लाक बढ़पुरा में प्रमुख के पद को लेकर क्षेत्र पंचायत सदस्य रामकरन बघेल को अपने खेमे में करने की खींचतान को लेकर गुरुवार को देरशाम न्यायालय परिसर में भाजपा व सपा कार्यकर्ताओं के बीच मारपीट के बाद गुस्साए भाजपा नेताओं के आक्रोश को देखते हुए एसएसपी ने सिविल लाइन थाना प्रभारी सहित दो दारोगाओं को निलंबित कर दिया। मामले में प्रभारी निरीक्षक बढ़पुरा की भूमिका सही नहीं पाए जाने पर उनका स्थानांतरण कर दिया गया है। दो मुकदमे भी थाना सिविल लाइन में अलग-अलग दर्ज किए गए हैं।
एसएसपी डा. बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि न्यायालय में हंगामा व लापरवाही को लेकर थाना सिविल लाइन के प्रभारी निरीक्षक अनिल कुमार, मोतीझील चौकी इंचार्ज धर्मेंद्र सिंह व उदी चौकी प्रभारी चिंतन कौशिक को निलंबित कर दिया है। वहीं प्रभारी निरीक्षक बढ़पुरा मुकेश बाबू चौहान को स्थानांतरित करते हुए प्रभारी निरीक्षक थाना बलरई बनाया गया है। जबकि प्रभारी निरीक्षक बलरई जितेंद्र कुमार शर्मा को प्रभारी निरीक्षक बढ़पुरा के पद पर भेजा गया है।
मामले में दो मुकदमे थाना सिविल लाइन में दर्ज कराए गए हैं। पहला मुकदमा सिविल लाइन थाने के दारोगा हेमंत कुमार ने आइटी एक्ट की धाराओं में दर्ज कराया है जिसमें कुछ लोगों द्वारा इंटरनेट मीडिया पर फोटो डाले जाने के बाद अभद्र टिप्पणी की गई है। जबकि दारोगा धर्मेंद्र सिंह ने महामारी अधिनियम के तहत 50-60 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है।
गुरुवार की देर रात तक एसएसपी आवास पर डटे रहे भाजपाई: गुरुवार की शाम को एसीजेएम न्यायालय से क्लीनचिट मिलने के बाद स्वतंत्र रूप से कहीं भी जाने की आजादी के आदेश के बाद क्षेत्र पंचायत सदस्य रामकरन बघेल अदालत से निकलने के बाद ही गायब हो गया। इससे भारतीय जनता पार्टी के नेता भड़क गए और वे पुलिस की सपा से मिली भगत का आरोप लगाते हुए देर रात एसएसपी आवास पर पहुंच गए। रात 11 बजे सांसद प्रो. रामशंकर कठेरिया, सदर विधायक सरिता भदौरिया, भाजपा जिलाध्यक्ष अजय प्रताप सिंह धाकरे सहित सैकड़ों कार्यकर्ता एसएसपी से पुलिसजनों पर मुकदमा दर्ज करने व कार्रवाई की मांग करने लगे। सांसद रामशंकर कठेरिया ने एसएसपी से वार्ता करने के बाद बताया कि जो भी पुलिस कर्मी दोषी होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मामले के वीडियो फुटेज देखकर सपा नेताओं के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी जिन्होंने गुंडई की है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी की गुंडई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव जीतने के बाद सपा यह न समझे कि उसकी सरकार आ गई है।
थानाध्यक्ष बढ़पुरा व उदी चौकी इंचार्ज की भूमिका संदिग्ध: पूरे मामले में थानाध्यक्ष बढ़पुरा मुकेश सिंह चौहान व उदी चौकी इंचार्ज चिंतन कौशिक की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। एसएसपी के मुताबिक थानाध्यक्ष बढ़पुरा की पूरे मामले में भूमिका सही नहीं थी। वरिष्ठ अधिकारियों को कई चीजों से अंधेरे में रखा गया। जिससे गुरुवार की शाम को न्यायालय परिसर में हालात बदल गए। वहीं गुरुवार को उदी चौकी इंचार्ज चिंतन कौशिक अकेले ही पूरे मामले को डील करते रहे। वरिष्ठ अधिकारियों को शाम तक कोई सूचना नहीं दी। जब शाम को दोनों दलों के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में वहां पहुंच गए तब वरिष्ठ अधिकारियों को मामले की जानकारी मिली। तब तक काफी देर हो चुकी थी और मारपीट जैसी घटना हो गई।