कानपुर में साइबर अपराधियों ने फैला रखा हनी ट्रैप का जाल, पुलिस को मिले आइपी एड्रेस से होगा सत्यापन

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RGA न्यूज़

 पिछले छह माह में फेसबुक पर हनी ट्रैप के मामले तेजी से बढ़े हैं। साइबर अपराधी महिलाओं के नाम से फर्जी प्रोफाइल बनाकर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते हैं और दोस्ती होने के बाद अश्लील चैटिंग शुरू कर देते हैं।

कानपुर, फेसबुक पर महिला के नाम से फर्जी प्रोफाइल बनाकर लोगों को हनी ट्रैप में फंसाने वाले साइबर अपराधी की तलाश में जुटी पुलिस को अहम सुराग मिले हैं। पिछले दिनों एक प्रोफाइल का आइपी (इंटरनेट प्रोटोकाल) एड्रेस पुलिस ने पता लगाया है। अब पुलिस आइपी एड्रेस के आधार पर आरोपित के नाम, पते का सत्यापन करने की कोशिश कर रही है।

पिछले छह माह में फेसबुक पर हनी ट्रैप के मामले तेजी से बढ़े हैं। साइबर अपराधी महिलाओं के नाम से फर्जी प्रोफाइल बनाकर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते हैं और दोस्ती होने के बाद अश्लील चैटिंग शुरू कर देते हैं। इसके बाद वह अश्लील वीडियो व फोटो सेंड करते हैं और यूजर से भी अपनी फोटो व वीडियो बनाकर भेजने के लिए कहते हैं। जैसे ही यूजर फोटो व वीडियो सेंड करता है, आरोपित उसे सुरक्षित कर लेते हैं और इन फोटो व वीडियो को सार्वजनिक करने की धमकी देकर ब्लैकमेल करना शुरू कर देते हैं। पिछले छह माह में दो सिपाही, एक सैन्यकर्मी समेत करीब एक दर्जन लोग इन अपराधियों के हनी ट्रैप का शिकार हो चुके हैं और अपराधियों के बताए खातों में पैसे जमा कर चुके हैं।

पुलिस के पास कुछ लोगों ने शिकायत की तो जांच शुरू हुई और एक आइपी एड्रेस के आधार पर पुलिस साइबर अपराधियों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी ने बताया कि आइपी एड्रेस मिलने के बाद अब आरोपित के सिमकार्ड नंबर का ब्योरा निकलवाया जा रहा है। उसमें लिखे नाम, पते का सत्यापन करके कार्रवाई की जाएगी।

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