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RGA न्यूज़
ब्लैक फंगस के शुरुआती लक्षण दिखते ही डॉक्टर से संपर्क करें।
आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज में 14 दिन की बेटी ने दी बीमारी को मात। आपरेशन कर साइनस से निकाला गया ब्लैक फंगस। चिकित्सकों का कहना है कि कोरोना से ठीक होने के आठ से 15 दिन में मरीजों में ब्लैक फंगस से संक्रमित होने पर लक्षण आने लगते हैं।
आगरा, ब्लैक फंगस (म्यूकरमाइकोसिस) के मरीजों की प्रारंभिक लक्षण आने पर इलाज मिलने से जान बच रही है। एसएन मेडिकल कॉलेज में 14 दिन की बच्ची सहित प्रारंभिक लक्षण आने पर भर्ती बुजुर्ग मरीजों की जान बचा ली गई।
एसएन मेडिकल कालेज में ब्लैक फंगस के 81 मरीज भर्ती हुए। ईएनटी सर्जन डा अखिल प्रताप सिंह ने बताया कि कोरोना से ठीक होने के आठ से 15 दिन में मरीजों में ब्लैक फंगस से संक्रमित होने पर लक्षण आने लगते हैं। प्रारंभिक लक्षण आने पर भर्ती हुए मरीजों की दूरबीन विधि से नाक के रास्ते सर्जरी की गई, साइनस से ब्लैक फंगस निकाला गया। ये मरीज ठीक हो गए हैं। हाथरस निवासी 14 दिन की बच्ची के गाल में ब्लैक फंगस फैला गया था, सर्जरी कर उसे भी बचा लिया गया। 20 मरीज आंख और दिमाग तक ब्लैक फंगस फैलने पर भर्ती किए गए थे। आपरेशन कर आंख निकाली गई। मगर, तबीयत में सुधार न होने से 10 मरीजों की मौत हो गई। 81 मरीज भर्ती हुए थे, इसमें से 30 मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं। इसमें 10 मरीजों की उम्र 60 साल से अधिक थी।
ये हैं प्रारंभिक लक्षण
- चेहरे पर एक तरफ सूजन।
- नाक के आस पास काली पपड़ी पड़ना।
- आंख के नीचे गाल का एक हिस्सा सुन्न पड़ना।
- आंख की रोशनी कम होना।