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प्रख्यात आल्हा गायक बच्चा सिंहअपने बीच में अब नहीं रहे
बुंदेलखंड प्रख्यात आल्हा गायक बच्चा सिंह के आल्हा गायन ने सभी को उनका प्रशंसक बना दिया था हर कोई उनकी कला का प्रेमी था। उनका आल्हा गायन 30 से अधिक कैसेटों में संग्रहित है। 10 वर्ष की आयु से ही आल्हा गायन शुरू किया था।
कानपुर। महोबा में प्रख्यात आल्हा गायक बच्चा सिंहअपने बीच में अब नहीं रहे। 80 वर्षीय बच्चा ङ्क्षसह ने अपने जन्मभूमि मवई खुर्द में शुक्रवार सुबह अंतिम सांस ली। गांव में ही उनकी अंत्येष्टि कर दी गई। बुंदेलखंड में बच्चा सिंहके निधन से साहित्य संगीत कला क्षेत्र के लोगों में गहरा शोक व्याप्त हो गया है। अखिल भारतीय साहित्य परिषद मुकुंद फाउंडेशन, संस्कार भारती, शोध संस्थान, नवरस म्यूजिक आदि संस्थाओं ने गहरा शोक व्यक्त किया है। साहित्यकार संतोष कुमार पटेरिया ने बताया की लगभग 20 वर्ष पूर्व उनसे लिए गए साक्षात्कार में बच्चा सिंह ने बताया था कि वे लगातार नौ घंटे तक आल्हा गायन करते रहे हैं। संगीत आचार्य पंडित जग प्रसाद तिवारी, शिव कुमार गोस्वामी, संस्कार भारती के अध्यक्ष श्याम बिहारी निगम निर्दोष ने शोक संवेदना व्यक्त की है। बच्चा सिंह का बुंदेलखंड में सिर्फ नाम की काफी था, हर कोई उनको उनकी शक्ल से ज्यादा उनकी आवाज पहचानता था।