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प्रो. अग्रवाल ने संक्रमण पर तीन तरह की संभावनाएं और आशंका जताई हैं। पहली में उनका कहना है कि लोगों की जीवनचर्या अगस्त से पहले की तरह सामान्य हो जाएगी। मास्क का उपयोग और शारीरिक दूरी का पालन होगा।
कानपुर, कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर में अक्टूबर के पहले सप्ताह से केस बढ़ने की आशंका है। एक नवंबर से संक्रमण की रफ्तार काफी तेज हो सकती है, जबकि 15 नवंबर तक संक्रमितों का ग्राफ नीचे आने लगेगा। यह आकलन आइआइटी कानपुर के प्रो.मणींद्र अग्रवाल ने गणितीय माडल सूत्र से किया है। उनका दावा है कि तीसरी लहर दूसरी से ज्यादा खतरनाक नहीं होगी, लेकिन शारीरिक दूरी का पालन, मास्क न पहनना और वायरस का रूप बदलकर हमला करना घातक हो सकता है। उनके आकलन के मुताबिक नवंबर की शुरूआत में देश में रोजाना 1.80 लाख केस आएंगे। ऐसी स्थिति दूसरी लहर में अप्रैल के पहले हफ्ते में हुई थी। प्रो. अग्रवाल ने पहली और दूसरी लहर का सटीक आकलन किया था। उन्हें और उनकी टीम को दिल्ली और उत्तर प्रदेश सरकार अपने यहां संक्रमण की स्थिति का अनुमान लगाने की जिम्मेदारी सौंप चुकी है।
संक्रमण पर तीन तरह की संभावनाएं और आशंका: प्रो. अग्रवाल ने संक्रमण पर तीन तरह की संभावनाएं और आशंका जताई हैं। पहली में उनका कहना है कि लोगों की दिनचर्या अगस्त से पहले की तरह सामान्य हो जाएगी। मास्क का उपयोग और शारीरिक दूरी का पालन होगा। इससे संक्रमण बढ़ेगा जरूर, लेकिन पीक नवंबर के दूसरे हफ्ते में आएगा। एक दिन में करीब 70 हजार केस आएंगे। यह स्थिति वायरस के म्यूटेशन न होने पर होगी। दूसरी आशंका टीकाकरण के 20 फीसद कम प्रभावी होने को लिया गया है। इस स्थिति में संक्रमण करीब 10 नवंबर से चरम पर पहुंच जाएगा, जबकि कुछ दिन बाद ही नीचे आने लगेगा। तीसरी आशंका वायरस के रूप बदलने को लेकर जताई गई है। इसमें डेल्टा प्लस को शामिल नहीं है। वायरस का रूप बदलकर 25 फीसद घातक हो गया है। इस स्थिति में नवंबर की शुरूआत में ही संक्रमण का पीक आ जाएगा। एक दिन में 1.80 लाख केस आएंगे।
नए बिंदुओं को शामिल किया: विशेषज्ञों ने स्वास्थ्य विभाग से टीकाकरण, संक्रमितों और ठीक हुए लोगों का डाटा लिया है। शोध में पहला टीका लगवाने, दोनों टीके लगवाने और वैक्सीनेशन न कराने वालों के संक्रमित होने का अलग से आकलन किया है