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बाबा आनंदेश्वर मंदिर में महंत की गद्दी को लेकर विवाद।
कानपुर में प्रमुख परमट स्थित बाबा आनंदेश्वर मंदिर में महंत की गद्दी को लेकर फिर विवाद गहरा गया है इस मसले में जूना अखाड़ा के पदाधिकारियों ने पहल की है और बैठक करके मसला सुलझाने का प्रयास जारी है।
कानपुर, शहर में आस्था के प्रमुख मंदिरों और आश्रम का विवादों से नाता जुड़ गया है। पहले पनकी मंदिर और फिर बिठूर के शिवधाम आश्रम के बाद अब परमट स्थित बाबा आनंदेश्वर मंदिर में विवाद सामने आ गया है। मंदिर में महंद की गद्दी को लेकर फिर रार शुरू हो गई है, यह तब है जब दो दिन पहले श्याम गिरी महाराज ने स्वयं को महंत घोषित कर लिया है। इसका विरोध अब जूना अखाड़े ने किया है और सोमवार को पदाधिकारियों ने बैठक भी शुरू की है। उनका कहना है कि मंदिर में महंत की नियुक्ति जूना अखाड़ा द्वारा की जाती है।
सोमवार की सुबह से बाबा आनंदेश्वर मंदिर परिसर में पुलिस बल और पीएसी के जवान तैनात हो गए थे। विवाद के मद्देनजर मंदिर को सुरक्षा घेरे में लिया गया। पूर्व महंत श्याम गिरी महाराज से बातचीत करने के लिए जूना अखाड़े से सभापति प्रेम गिरी महाराज, भूत पूर्व सभापति उमा शंकर भारती, महामंत्री मोहन भारती और जूना अखाड़े से लगभग दो दर्जन से ज्यादा संत महात्मा मंदिर परिसर में एकत्र हुए। उनके बीच काफी देर तक बातचीत का दौर चलता रहा और पुलिस बल पूरे मंदिर को सुरक्षा घेरे में लिए रहा।
डीसीपी पश्चिम संजीव त्यागी भी वार्ता बैठक में पूरे समय मौजूद रहे। मामले को देखते हुए मंदिर परिसर में सैकड़ों की संख्या में भक्तों एकत्र हो गए। विभिन्न मठ मंदिरों के संत महात्मा भी मामले पर नजर बनाए हुए हैं। मंदिर में उदित आनंद महाराज बाल योगी अरुण चैतन्यपुरी इच्छा गिरी महाराज अरुण भारती भी मौजूद रहे। उनका यही कहना है कि मंदिर आस्था का प्रमुख केंद्र है, बिना किसी वाद विवाद के समस्या का हल होना चाहिए। मंदिर में बैठक से महंत श्याम गिरी से विवाद के प्रमुख रहे रामदास को बाहर रखा गया है।