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यूपी में नए महाविद्यालय व संस्थानों को विश्वविद्यालय से आनलाइन संबद्धता मिलेगी।
उत्तर प्रदेश में स्नातक व स्नातकोत्तर स्तर के अतिरिक्त विषय पाठ्यक्रम की मिलेगी अनुमति। नए महाविद्यालय व संस्थानों को विश्वविद्यालय से आनलाइन संबद्धता मिलेगी। पहले से संचालित महाविद्यालय व संस्थान भी आवेदन कर सकते हैं। प्रदेश में नए महाविद्यालय व संस्थानों को विश्वविद्यालय से आनलाइन संबद्धता
लखनऊ, प्रदेश में नए महाविद्यालय व संस्थानों को विश्वविद्यालय से आनलाइन संबद्धता मिलेगी। पहले से संचालित महाविद्यालय व संस्थान अतिरिक्त विषय पाने के लिए भी आवेदन कर सकते हैं। आवेदन आठ जुलाई तक लिए जाएंगे और शैक्षिक सत्र 2021-22 के लिए संबद्धता 18 अगस्त को जारी होगी।
उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बीएड पाठ्यक्रम के अलावा नए महाविद्यालय व संस्थानों के खोले जाने व चल रहे महाविद्यालय और संस्थानों में स्नातक व स्नातकोत्तर स्तर के अतिरिक्त विषयों या पाठ्यक्रमों को शुरू करने की समय सारिणी जारी कर दी गई है। प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों की ओर से आनलाइन अनापत्ति व संबद्धता प्रस्तावों का निस्तारण किया जाएगा। अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा मोनिका एस गर्ग ने बताया कि विश्वविद्यालय में नए पाठ्यक्रम के लिए अनापत्ति प्रस्ताव आनलाइन जमा करने की अंतिम तारीख आठ जुलाई है। 15 जुलाई तक आनलाइन जमा किए हुए प्रस्तावों के भूमि संबंधी अभिलेखों का राजस्व विभाग से सत्यापन कराया जाएगा। 22 जुलाई तक अनापत्ति आदेश आनलाइन निर्गत होगा।
उप्र संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों का शैक्षिक कैलेंडर 15 जुलाई तक: उप्र माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद अब यूपी बोर्ड की तर्ज पर शैक्षिक कैलेंडर लागू करने जा रहा है। पाठ्यक्रम का मासिक विभाजन होने से छात्र व शिक्षकों को सहूलियत रहेगी और पठन-पाठन में तेजी आएगी। संस्कृत शिक्षा परिषद नया शैक्षिक कैलेंडर बना रहा है, जो 15 जुलाई तक जारी होगा। इसके अलावा शैक्षिक गुणवत्ता बढ़ाने के लिए कई और कदम उठाए जाएंगे।
प्रदेश में संस्कृत शिक्षा परिषद की ओर से करीब 1200 माध्यमिक विद्यालय संचालित हो रहे हैं। वहां पढऩे वाले छात्रों की तादाद लगभग एक लाख है। सोमवार को संस्कृत शिक्षा परिषद की अहम बैठक हुई, इसमें मान्यता प्राप्त विद्यालयों में संस्कृत शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने पर कई निर्णय लिए गए। संस्कृत संस्थान उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष डा. वाचस्पति मिश्र की अगुवाई में 16 संस्कृत शिक्षाविदों ने तय किया कि विद्यालयों में शैक्षिक कैलेंडर व पाठ्यक्रम का मासिक विभाजन लागू कराया जाएगा। हर विद्यालय में अर्ध वार्षिक व प्रीबोर्ड परीक्षाएं होंगी। सभी विषयों में पठन-पाठन के मानकों का निर्धारण किया जाएगा। यही नहीं हर विषय का आदर्श प्रश्नपत्र तैयार करके उसे वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा, ताकि छात्र उसी के अनुरूप पढ़ाई कर सकें।
डा. मिश्र ने संस्कृत महापुरुषों की जयंती विद्यालय में मनाने का सुझाव दिया। माध्यमिक संस्कत शिक्षा परिषद के सचिव राधाकृष्ण तिवारी ने बताया कि शैक्षिक कैलेंडर तैयार हो रहा है, उसे 15 जुलाई तक जारी कर दिया जाएगा।