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पूरी रात बेचैनी, सुबह होते-होते लौटने लगा चेहरे पर सुकून
मुंगेर। धरहरा प्रखंड के बंग्लवा पंचायत स्थित कोठवा गांव का दृश्य बदला-बदला दिखा।
मुंगेर। धरहरा प्रखंड के बंग्लवा पंचायत स्थित कोठवा गांव का दृश्य बदला-बदला दिखा। सोमवार की शाम से पूरी रात तक गांव के लोग काफी बेचैन थे, लेकिन अगली सुबह होते-होते सभी के चेहरे पर सुकून लौटने लगी। हर दिन की तरह बच्चे भी गांव में खेलते दिखे तो युवा और बुजुर्ग भी गांव के मुहाने पर गप लड़ाते दिखे। महिलाएं भी बच्चों और परिवार के साथ अपना काम करती दिखीं।
विषाक्त प्रसाद खाने से जो 250 लोग बीमार पड़े थे, इसमें अमूमन पूरी तरह स्वस्थ हो गए हैं। गंभीर हुए कुछ बच्चे और लोगों का इलाज धरहरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चल रहा है। गांव में लोगों ने राहत की सांस ली। बीती रात गांव में चीख-पुकार की आवाज सुनाई दे रही थी वहां मंगलवार को सब सामान्य देखने को मिला।
इन लोगों का चल रहा इलाज
जया देवी, करमी देवी, पिकी कुमारी, रजनी कुमारी, राजीव कुमार, खुशबू कुमारी भी प्रसाद खाने से बीमार हुए थीं। सभी की हालत औरों से ज्यादा बिगड़ गई थी। इसलिए इन्हें धरहरा सामुदायिक अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। अभी सभी का इलाज चल रहा। सभी की तबीयत पहले से काफी बेहतर है
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चालू रहता तो नहीं मचती अफरातफरी
बंग्लवा पंचायत में बने अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सोमवार की शाम चार बजे ही बंद हो गया था। यह केंद्र चालू रहता तो बीमार पड़े लोगों को इधर-उधर भटकना नहीं पड़ता। सोमवार की रात लोगों के बीमार होने के बाद आनन-फानन में मरीजों को लेकर कुछ लोग अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे थे, लेकिन ताला बंद रहने के कारण ग्रामीण सभी मरीजों को वापस गांव लेकर आ गए । जहां ग्रामीण चिकित्सकों ने सभी का इलाज शुरू किया गया ।
रात में ही लौट गई थी स्वास्थ्य विभाग की टीम
प्रसाद से बीमार पड़े युवा, बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग को इलाज करने के लिए धरहरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से एक टीम और रात 10 बजे के बाद जिला स्वास्थ्य विभाग से दो टीम गांव पहुंची थी। रात दो बजे तक सभी का इलाज चला। लोग स्वस्थ्य होने लगे, इसके बाद टीम वापस लौट गई। चिकित्सा प्रभारी डा. महेंद्र कुमार ने बताया कि कोठवा गांव में स्थिति सामान्य है। सभी लोगों का बेहतर तरीके से इलाज किया गया।