स्वरोजगार के लिए बैंक नियमानुकुल उपलब्ध कराए ऋण, डीएलसीसी की बैठक में डीएम ने की समीक्षा

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RGA न्यूज़

स्‍वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए आगे आएं बैंक। 

डीएम ने बैंक अधिकारियों को कृषि व इससे आधारित मत्स्य पालन मुर्गी पालन व गव्य पालन के लिए ऋण उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। डीएम ने कहा कि स्वरोजगार को बढ़ावा देने में बैंकों की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने ऋण-जमा अनुपात बढ़ाने पर बल दिया।

सासाराम। कोरोना महामारी के कारण बाहर के राज्यों से घर लौटे श्रमिकों को स्वरोजगार के लिए बैंक आगे आ उन्हें नियमानुकूल ऋण प्रदान करें। ऐसा नहीं करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सोमवार को जिला स्तरीय बैंकिंग परामर्शदातृ समिति व जिला स्तरीय समीक्षा समिति की डीआरडीए सभागार में हुई बैठक में यह बातें डीएम धर्मेन्द्र कुमार ने कही।

डीएम ने बैंक अधिकारियों को कृषि व इससे आधारित मत्स्य पालन, मुर्गी पालन व गव्य पालन के लिए ऋण उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। डीएम ने कहा कि स्वरोजगार को बढ़ावा देने में बैंकों की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने ऋण-जमा अनुपात बढ़ाने पर बल दिया। केसीसी लोन और प्रधानमंत्री रोजगार योजना की उपलब्धि पर असंतोष जताया।

उन्होंने वर्तमान वित्तीय वर्ष में लक्ष्य को शत प्रतिशत हासिल करने का निर्देश दिया। एलडीएम विभाकर झा ने बताया कि जिले में कुल 227 शाखाओं की ओर से बैंकिंग व्यवसाय किया जा रहा है। इन सभी बैंकों की जमा राशि 9639.29 करोड़ व ऋण राशि 4506.48 करोड़ है। जिले का ऋण जमा अनुपात तिमाही पर 46.75 फीसद है।

एलडीएम ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में इसे और बेहतर करते हुए शत प्रतिशत लक्ष्य को हासिल किया जाए। इस बार का ऋण जमा अनुपात में वृद्धि पिछली तिमाही की अपेक्षा 4.02 फीसद अधिक हुई है। पिछले तिमाही में जमा ऋण और जमा अनुपात 42.73 फीसद था। डीएम ने पीडीआर केसेज पर चर्चा करते हुए  सभी बैंकों को एनपीए खातधारकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

एलडीएम ने वर्तमान वित्तीय वर्ष में सभी लंबित आवेदनों का निष्पादन सुनिश्चित करते हुए अपने लक्ष्य को शत-प्रतिशत हासिल करने का निर्देश बैंक अधिकारियों को दिया। बैंक प्रबंधकों से आग्रह किया कि सूक्ष्म लोन जेएलजी मोड में किया जाए। समीक्षा बैठक में एलडीएम ने बैंकरों से कहा कि कोरोना संकट काल में कृषि व कृषि आधारित लोन, मत्स्य पालन, गव्य, मुर्गीपालन को प्राथमिकता दें, ताकि अन्य प्रदेशों से बिहार लौटे ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध हो सके।

एलडीएम ने कहा कि लक्ष्य से पीछे रहने वाले बैंकों को अगले तिमाही में इसे अवश्य पूरा करना होगा, अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई की रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी। बैठक में पीएनबी नोखा की ओर से संचालित ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान के प्रतिनिधि ने बताया कि संस्थान में कृषि व कृषि आधारित उद्योग के कुल 417 प्रशिक्षणार्थियों को सात उत्पाद आधारित विभिन्न उद्योगों का प्रशिक्षण दिया गया है। जिसमें से 329 प्रशिक्षणार्थी बीपीएल श्रेणी के हैं। बैठक में लगभग सभी बैंकों के जिला प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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