खेतों की मिट्टी की जांच गांव में ही करा किसान कम लागत में उपजा सकेंगे अधिक उत्पादन

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RGA न्यूज़

खेतों के लिए वरदान साबित हो रही योजना, 

खेतों में उपज बढ़ाने के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है। मुख्य रूप से खेतों की मिट्टी जांच कर मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों को उपलब्ध कराना है। खेतों के लिए वरदान साबित होने वाली इस योजना के लाभ देने के लिए गांव तक टीम व मोबाइल वैन पहुंच रहे

भभुआ, खेतों में उपज बढ़ाने के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है। मुख्य रूप से खेतों की मिट्टी जांच कर मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों को उपलब्ध कराना है। ताकि, खेतों में प्रयुक्त होने वाले रासायनिक उर्वरकों की जरूरत के मुताबिक उपयोग हो सके और किसानों की आय कम लागत में अधिक हो सके। इसके लिए लगातार मिट्टी प्रयोगशाला केंद्र से टीम भेज कर गांवों से मिट्टी की जांच कराई जा रही है। खेतों के लिए वरदान साबित होने वाली इस योजना के लाभ देने के लिए गांव तक टीम पहुंच रही है। मिट्टी की जांच प्रयोगशाला के लोग गांव में पहुंच कर सैंपल ले रहे है। वहीं दूसरी ओर मोबाइल वाहन से भी जांच की जा रही है।

जानकारी के अभाव में ये हो रहा

जानकारी के अभाव में खेतों में खुलेआम रसायनिक उर्वरकों का धड़ल्ले से प्रयोग हो रहा है। जिसका सीधा असर मिट्टी की उर्वरा शक्ति पर पड़ रहा है। कृषि वैज्ञानिक भी स्वीकार कर रहे हैं कि इस दौर का खतरनाक परिणाम तब भुगतना पड़ेगा। जब हमारी उपजाऊ मिट्टी बंजर हो जाएगी। ज्यादातर किसान रसायनिक खाद और जहरीले कीटनाशक का धड़ल्ले से प्रयोग कर रहे हैं। किसानों की यह जिम्मेदारी है कि वे जैविक खाद का इस्तेमाल कर अपनी आय बढ़ाकर खेती में लागत खर्च कम कर सकें। मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के तहत एक टीम खेत की मिट्टी का नमूना इकठ्ठा करती है। इसके बाद मिट्टी के सैंपल को लैब में जांच के लिए भेजा जाता है।  मिट्टी जांच के बाद वैज्ञानिक मिट्टी की जांच के परिणाम का अध्ययन करेंगे। इसके बाद मिट्टी में क्या कमी है और क्या खूबियां है इसकी सूची बनाई जाती है। मिट्टी में जो कमियां हैं, उनको दूर करने के लिए वैज्ञानिकों की ओर से सुझाव भी दिए जाते हैं। इसके बाद सबसे अंत में इन सभी जानकारियों को हेल्थकार्ड में समायोजित कर किसानों को जारी किया जाता है। इससे किसान को पता चल जाता है कि उनके मिट्टी में किस उर्वरक को डालना है और कितनी मात्रा पहले से ही उपलब्ध है।

14 हजार लोगों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड देने की है योजना

इस बार जिले में 14 हजार मृदा स्वास्थ्य कार्ड देने की योजना है। इस योजना से जिले के किसान लाभांवित होंगे। सात हजार खरीफ के लिए तथा सात हजार रबी फसल के लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनाने की योजना है। पिछली बार एक एक प्रखंड में 13 गांव को चिह्नित किया गया था। लेकिन इस बार एक प्रखंड में 15-15 गांव को चिह्नित किया गया है। जहां जांच के साथ साथ लोगों को जागरूक किया जाएगा।

किसान स्वयं आकर करा सकते है जांच 

 किसान स्वयं खेत की मिट्टी लाकर जांच भी करा सकते है। इसके लिए किसान को वी शेप में 15 सेंटीमीटर तक की गहराई की मिट्टी लेनी होगी। एक हेक्टेयर में करीब पांच जगहों से मिट्टी लेकर जांच करा सकते है। वर्तमान समय तक जिले में 2343 सैंपल आ चुका है। पिछले साल तक 5934 मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिया गया था।

क्या कहते हैं पदाधिकारी

मिट्टी प्रयोगशाला के सहायक निदेशक दुर्गा रंजन ने बताया कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड के लिए लगातार काम हो रहा है। इसके लिए इस वित्तीय वर्ष में 14 हजार मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनाने का लक्ष्य है।

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