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बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी।
राज्य में कक्षा एक से दस तक के सभी सरकारी एवं निजी विद्यालयों को खोलने का फैसला अब 15 दिनों के बाद लिया जाएगा। शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने मंगलवार को अपने ट्वीटर अकाउंट पर इसकी जानकारी दी
पटना:- कोरोना महामारी में बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए सरकार हर फैसला बहुत सोच-समझ कर ले रही है। राज्य में कक्षा एक से दस तक के सभी सरकारी एवं निजी विद्यालयों को खोलने का फैसला अब 15 दिनों के बाद लिया जाएगा। शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने मंगलवार को अपने ट्वीटर अकाउंट पर इसकी जानकारी दी। वहीं शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार द्वारा राज्य में 10वीं कक्षा के ऊपर की पढ़ाई के लिए शिक्षण संस्थानों को खोलने की तैयारी संबंधी गाइडलाइन जारी किया गया।
शिक्षण संस्थानों को खोलने की तैयारी को लेकर गाइडलाइन जारी
* पहले कैंपस और क्लास रूम विसंक्रमित होंगे, फिर 12 से होगी पढ़ाई
* कोविड-19 प्रोटोकाल का हर हाल में पालन अनिवार्य होगा
* हर दिन 50 फीसद विद्यार्थियों की उपस्थिति होगी
* दो पाली में चलेंगे ज्यादा नामांकन वाले शिक्षण संस्थान
* कक्षा में छह फीट की दूरी पर होगी बैठक की व्यवस्था
* विद्यार्थियों, शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए कैंपस में प्रवेश के लिए मास्क जरूरी
* नये कक्षा में नामांकन के समय अभिभावक ही आएंगे
* बाहरी वेंडर को परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं
विसंक्रमित किए जाएंगे क्लास रूप और कैंपस
गाइडलाइन के मुताबिक 12 जुलाई से पहले क्लास रूम से लेकर कैंपस पूरी तरह से विसंक्रमित किए जाएंगे। 11वीं और 12 वीं कक्षा के साथ ही कालेज-यूनिवर्सिटी में 50 फीसद विद्यार्थियों की उपस्थिति के साथ कक्षा में छह फीट की दूरी पर विद्यार्थी बैठेंगे। बाकी 50 फीसद विद्यार्थी अगले दिन आएंगे। अधिक नामांकन वाले शिक्षण संस्थान दो पाली में कक्षाएं संचालित करेंगे।
एक से दस तक के स्कूल के लिए उच्च स्तरीय समीक्षा
शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बताया कि कोरोना संक्रमण में सुधार की स्थिति जारी रहती है तो इंटर की पढ़ाई शुरू होने के दो सप्ताह बाद इन विद्यालयों के खोले जाने को लेकर उच्च स्तरीय समीक्षा होगी। सभी संबंधित के विचार और सलाह से ही इस पर अंतिम निर्णय होगा। 12 जुलाई से खोले जा रहे 11वीं और 12वीं के विद्यालयों में जो पाठ पहले दिन पढ़ाए जाएंगे, उन्हें ही दूसरे दिन भी दुहराया जाएगा, ताकि 50 फीसद रोजाना उपस्थिति के कारण किसी विद्यार्थी को कोई पाठ न छूटे।
पारदर्शितापूर्ण हो रही काउंसिलिंग
शिक्षा मंत्री ने बताया कि राज्य में शिक्षक नियोजन प्रक्रिया की निरंतर मानीटरिंग हो रही है। काउंसिलिंग पूरी तरह से पारदर्शितापूर्ण और शांतिपूर्ण ढंग से हो रही है। कहीं से किसी भी प्रकार की शिकायत नहीं आई है। हमें ऐसी सूचना मिल रही है कि शिक्षक अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग के दौरान कुछ पद खाली रह जा रहे हैं। उन पदों पर काउंसिलिंग प्रक्रिया पूरी होने के बाद विचार किया जाएगा। राज्य सरकार का यह प्रयास है कि विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को जल्द से जल्द पूरा किया जाए। शिक्षा मंत्री ने अपने ट्विटर एकाउंट पर शारीरिक शिक्षक अभ्यर्थियों की बहाली को लेकर जल्द ही सकारात्मक फैसला लेने की जानकारी भी दी है।