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RGA न्यूज़
हरियाणा में गर्मी और नमी से लोग बेहाल हैं।
हरियाणा में 9 जुलाई तक मौसम गर्म और शुष्क रहेगा। 9 जुलाई की मध्यरात्रि से बारिश होने की संभावना है। वहीं कृषि विशेषज्ञों ने किसानों के लिए एडवाइजरी जारी की है। किसानों को कुछ छोटे-छोटे उपाय करने की आवश्यकता पर जोर दिया है।
हिसार। हरियाणा में मानसून का इंतजार लंबा होता जा रहा है। 9 जुलाई के बाद मानसून की बारिश की संभावना है। इस मौसम में किसानों को फसलों काे लेकर बहुत ध्यान रखने की जरूरत है। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग की सलाह मानें तो किसानों को कुछ छोटे-छोटे उपाय करने की आवश्यकता है।
इसमें खरीफ फसलों, सब्जियों व फलदार पौधों में यदि आवश्यक हो तभी सिंचाई करें। अगले तीन दिनों में यदि पानी उपलब्ध हो तो धान की पौध की रोपाई सुबह व शाम ही करें। बारिश आने पर पौध की रोपाई जारी रखें। नरमा कपास व अन्य फसलों में स्प्रे करते समय बदलते मौसम का ध्यान अवश्य रखें। वहीं ग्वार बाजरा आदि फसलों की बिजाई के लिए उत्तम किस्मों के प्रमाणित बीजों का प्रबंध करें तथा खेतों को तैयार करे ताकि अच्छी बारिश होने पर बिजाई की जा सके।
विश्वविद्यालय से खरीद सकते हैं पौध
मानसून की बारिश की संभावना को देखते हुए हरियाणा सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त नर्सरी या विश्विद्यालय के उधान विभाग की नर्सरी से उत्तम किस्मों के फलदार पौधों को लेकर अपने खेतों में पौधे अवश्य लगाएं। इंडोर और आउटडोर पौधों का बड़ा संग्रहरण विश्वविद्यालय में मौजूद है। इसके साथ ही मानसून की बारिश के कारण पौधे अच्छी ग्रोथ करेंगे।
आगे आठ जुलाई के बाद होगी बारिश
हरियाणा राज्य में 8 जलाई तक मौसम आमतौर पर परिवर्तनशील, गर्म परन्तु नमी वाला वातावरण बने रहने की संभावना है। इस दौरान उत्तरी व दक्षिण पाश्चिमी क्षेत्रों में कहीं-कहीं बीच-बीच में आंशिक बादल, धूल भरी हवाएं चलने व कुछ एक स्थानों पर छिटपुट बूंदाबांदी होने की संभावना है। नौ जुलाई से मानसून के आगे बढ़ने की अनुकूल परिस्थितियां बनने की संभावना से राज्य में ज्यादातर क्षेत्रों में नौ जुलाई रात्रि से 12 जुलाई के बीच हवाओं व गरज-चमक के साथ बारिश संभावित है।
अभी यह है मानसून की स्थिति
मानसून की उत्तरी सीमा 19 जून से अब तक बाड़मेर, भीलवाड़ा, धौलपुर, अलीगढ़, मेरठ, अम्बाला, अमृतसर पर ही बनी हुई है। मानसून टर्फ रेखा हिमालय की तलहटियों की तरफ बढ़ी हुई है। पिछले तीन-चार दिनों से (2 जुलाई से) टर्फ रेखा दक्षिण की ओर थोड़ी सी नीचे आने पर हरियाणा में उत्तरी व दक्षिण पाश्चिमी जिलों में धूलभरी हवाओं व गरज चमक के साथ कहीं-कहीं प्री मानसून बारिश हुई।