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सेना के अधिकारियों ने दोनों आरोपित सैन्य कर्मियों को जालंधर ग्रामीण पुलिस को सौंप दिया है।
डीजीपी दिनकर गुप्ता ने बताया कि हरप्रीत सिंह और गुरभेज सिंह को गोपनीय जानकारी साझा करने के लिए पैसे का लालच दिया गया। उन्होंने कहा कि रणवीर सिंह ने हरप्रीत सिंह को पैसे दिए जो आगे चलकर गुरभेज के खाते में ट्रांसफर करते
चंडीगढ़/जालंधर। पंजाब पुलिस ने मंगलवार को पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसइ) के लिए जासूसी करने और गोपनीय दस्तावेज उपलब्ध कराने के आरोप में सेना के दो जवानों को जालंधर से गिरफ्तार किया है। सेना के जवानों की पहचान सिपाही हरप्रीत सिंह (23) और तरनतारन के पुनियां गांव के रहने वाले सिपाही गुरभेज सिंह (23) के रूप में हुई है। हरप्रीत अमृतसर के गांव चीचा का रहने वाला है और अनंतनाग में तैनात था। वह 2017 में भारतीय सेना में शामिल हुआ था और 19 राष्ट्रीय राइफल्स से संबंधित हैं। वहीं गुरभेज 18 सिख लाइट इन्फैंट्री से ताल्लुक रखता है और कारगिल में क्लर्क के पद पर कार्यरत था। वह 2015 में भारतीय सेना में शामिल हुआ था।
डीजीपी पंजाब दिनकर गुप्ता ने कहा कि एसएसपी नवीन सिंगला के नेतृत्व में जालंधर ग्रामीण पुलिस ने एनडीपीएस मामले की जांच करते हुए जासूसी नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने ड्रग तस्कर रणवीर सिंह को 24 मई को 70 ग्राम हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया गया था। उसने पूछताछ के दौरान बताया था कि उसे कुछ दस्तावेज सिपाही हरप्रीत सिंह से मिले थे। वह उसका दोस्त था क्योंकि दोनों एक ही गांव के हैं।
रणनीतिक और सामरिक जानकारी तक थी गुरभेज की पहुंच
रणवीर ने रक्षा संबंधी गोपनीय दस्तावेज साझा करने के लिए सिपाही हरप्रीत सिंह को प्रेरित किया और लालच दिया। जिसके बाद उसने अपने दोस्त सिपाही गुरभेज को भी राष्ट्र विरोधी जासूसी गतिविधियों में शामिल कर लिया। कारगिल में 121 इन्फैंट्री ब्रिगेड मुख्यालय में क्लर्क होने के नाते गुरभेज भारतीय सेना से संबंधित रणनीतिक और सामरिक दोनों तरह की जानकारी वाले इन वर्गीकृत दस्तावेजों तक आसान पहुंच प्राप्त कर सकता था
फरवरी और मई के बीच भेजे 900 से अधिक खुफिया दस्तावेज
दोनों जवानों ने फरवरी और मई 2021 के बीच 4 महीने में देश की रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित 900 से अधिक वर्गीकृत दस्तावेजों की तस्वीरें पहले ही साझा कर दी थीं, जिन्होंने उन्हें आगे पाकिस्तानी खुफिया को भेज दिया था। रणवीर आगे इन वर्गीकृत दस्तावेजों को या तो सीधे पाकिस्तान आईएसआइ के गुर्गों को या गोपी के माध्यम से भेजता था। गोपी की पहचान अमृतसर के गांव डौके के रहने वाले मुख्य ड्रग तस्कर के रूप में की गई है। गोपी के पाकिस्तान स्थित ड्रग-तस्करी सिंडिकेट और आईएसआइ अधिकारियों के साथ संबंध हैं।
रणवीर के खुलासे के बाद पुलिस ने गोपी को भी गिरफ्तार कर लिया है। उसने पाकिस्तान स्थित ड्रग तस्कर को गोपनीय दस्तावेज हस्तांतरित करने की बात कबूल की है। इनमें से एक की पहचान कोठार के रूप में की गई है और एक कथित पाक आईएसआइ ऑपरेटिव की पहचान सिकंदर के रूप में की गई है।
हरप्रीत और गुरभेज को पैसों का लालच देकर हासिल की खुफिया जानकारी
डीजीपी दिनकर गुप्ता ने बताया कि हरप्रीत सिंह और गुरभेज सिंह को गोपनीय जानकारी साझा करने के लिए पैसे का लालच दिया गया। उन्होंने कहा कि रणवीर सिंह ने हरप्रीत सिंह को पैसे दिए, जो आगे चलकर गुरभेज के खाते में ट्रांसफर करते थे। एसएसपी नवीन सिंगला ने कहा कि सेना के अधिकारियों ने दोनों आरोपित सैन्य कर्मियों को जालंधर ग्रामीण पुलिस को सौंप दिया है। आरोपितों पर थाना महतपुर में केस दर्ज किया गया है।