बुध प्रदोष व्रत को ऐसे करें भगवान शिव को प्रसन्न, जानें पूजा विधि

Praveen Upadhayay's picture

RGAन्यूज़

Budh Pradosh Puja Vidhi: बुध प्रदोष व्रत को ऐसे करें भगवान शिव को प्रसन्न, जानें पूजा विधि

Budh Pradosh Puja Vidhi हिंदू कैलेंडर के अनुसार आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष का प्रदोष व्रत 07 जुलाई दिन बुधवार को है। इस दिन त्रयोदशी तिथि है इसलिए यह बुध प्रदोष व्रत है। बुध प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की विधि विधान से पूजा की जाती है

Budh Pradosh Puja Vidhi: हिंदू कैलेंडर के अनुसार, आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष का प्रदोष व्रत 07 जुलाई दिन बुधवार को है। इस दिन त्रयोदशी तिथि है, इसलिए यह बुध प्रदोष व्रत है। बुध प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की विधि विधान से पूजा की जाती है। जो लोग व्रत रखते हैं, वे प्रदोष काल में शिव और शक्ति की आराधना करते हैं। प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति को संतान, सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। शिव कृपा से सभी कष्ट और पाप मिट जाते हैं। वैसे भी कल बुधवार है और यह दिन गणपति की आराधना के लिए उत्तम होता है। ऐसे में ​यदि आप बुध प्रदोष का व्रत रखते हैं या प्रदोष काल में पूजा करते हैं तो आपको शिव परिवार की पूजा करनी चाहिए। इससे आपको पूरे शिव परिवार की कृपा प्राप्त होगी। आइए जानते हैं कि बुध प्रदोष के दिन पूजा की ​विधि क्या है, जिससे की भगवान भोलेनाथ की कृपा प्राप्त हो सके।

बुध प्रदोष व्रत एवं पूजा व

यदि आप बुध प्रदोष व्रत रखना चाहते हैं तो आज से तामसिक भोजन को बंद कर दें। अगले दिन सुबह स्नान आदि से निवृत हो लें, फिर साफ वस्त्र पहन लें। इसके बाद पूजा स्थल पर हाथ में जल लेकर बुध प्रदोष व्रत एवं शिव परिवार की पूजा का संकल्प कर लें। अब दैनिक पूजा कर लें। दिनभर फलाहार करते हुए व्रत रहें। इसके बाद प्रदोष काल में पूजा मुहूर्त के समय भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान ​गणेश, देव सेनापति कार्तिकेय और नंदी की विधि पूर्वक पूजा

सर्वप्रथम भगवान शिव का गंगाजल से अभिषेक करें। फिर शिव परिवार के सभी सदस्यों को स्नान कराएं। उसके बाद वस्त्र अर्पित करें। अब सभी को चंदन, रोली, धूप, दीप, अक्षत्, पुष्प, फल, मिठाई आदि चढ़ाएं। पार्वती जी को सिंदूर और श्रृंगार का सामान चढ़ाएं। गणेश जी को दूर्वा अर्पित करें। भगवान शिव को बेलपत्र, मदार पुष्प, भांग, धतुरा, गाय का दूध अलग से अर्पित करें। पूजन के समय ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप करें। फिर शिव चालीसा का पाठ करें। अब बुध प्रदोष व्रत की कथा का श्रवण करें। पूजा के अंत में भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश जी और भगवान कार्तिकेय की आरती करें। इसके बाद अपनी मनोकामना उनके समक्ष व्यक्त कर दें।

पूजा के बाद प्रसाद वितरित कर दें। ब्राह्मण के लिए धन-धान्य का दान करें। फिर अगले दिन सुबह पूजा करके व्रत का पारण करें।

बुध प्रदोष व्रत 2021 पूजा मुहूर्त

प्रदोष व्रत के दिन शिव परिवार की पूजा लिए शुभ मुहूर्त शाम को 07 बजकर 23 मिनट से रात 09 बजकर 24 मिनट तक है। इस मध्य में आप बुध प्रदोष व्रत की पूजा संपन्न कर लें।

News Category: 
Place: 

Scholarly Lite is a free theme, contributed to the Drupal Community by More than Themes.