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महीनों की भागदौड़ और गहन जांच के बाद रविवार को पाकिस्तान से 170 हिंदुओं का जत्था आगरा पहुंचा। दोनों देशों के बीच चल रही तनातनी के चलते उनका यह सफर बहुत मुश्किल भरा रहा। अटारी बार्डर पैदल ही पार करना पड़ा। कई बार ऐसा लगा, जैसे वीजा नहीं मिलेगा। धार्मिक आयोजन में आना था, इसलिए सारी बाधाएं अपने आप दूर होती चली गईं। सभी पाकिस्तान के सिंध प्रांत से हैं।
राधास्वामी मत के संस्थापक परम पुरुष पूरन धनी स्वामीजी महाराज के द्विशताब्दी जन्म समारोह का आयोजन अगले हफ्ते से होना है। इस आयोजन में पाकिस्तान से 440 सत्संगियों को आना है। वे पहली बार आगरा नहीं आ रहे हैं। पूर्व में भी आते रहे हैं। इस बार मुश्किलें कुछ ज्यादा थीं। पाकिस्तानी नागरिकों ने बताया कि वीजा मिलने में 2.5 महीने का समय लगा। जगह-जगह चेकिंग थी। मन में ठान रखी थी कि स्वामीजी के द्विशताब्दी समारोह में शामिल होना है। उनका नाम लेते गए और बाधाएं अपने आप दूर होती गईं। उनकी मंशा नेक थी। इसलिए रास्ते खुलते चले गए। सारी बाधाएं पार हो गईं। आगरा पहुंचकर सभी की खुशी का ठिकाना नहीं है।
पैदल पार किया अटारी बार्डर
पाकिस्तान से आए पहले जत्थे में बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि वे पहले सिंध से लाहौर पहुंचे थे। लभभग 17 घंटे लगे। लाहौर से आगरा 16 घंटे लगे। अटारी बार्डर को पैदल पार करना पड़ा। भारत पाकिस्तान के बीच अब कोई ट्रेन और बस सेवा नहीं है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने बस सेवा शुरू कराई थी। उस समय सफर ज्यादा आसान था। वीजा भी उस समय आराम से मिल जाता था।