डेल्टा वेरिएंट की तरह संक्रामक लैंब्डा, आइआइटी के विशेषज्ञों ने पेरु में बढ़े मामलों की निकाली संक्रमण दर

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RGA न्यूज़

मार्च में स्थिति कुछ सामान्य हुई, लेकिन अप्रैल में आठ हजार केस हर दिन आने लगे।

विशेषज्ञों ने डेल्टा फिर डेल्टा प्लस का अनुमान लगाने के बाद लैंब्डा के संक्रमण दर का अनुमान लगाया है। पेरू में एक अप्रैल 2020 से पाजिटिव केस आने शुरू हो गए। 15 जून 2020 तक पांच हजार केस प्रतिदिन आने लगे। जुलाई में संक्रमण की रफ्तार कुछ कम हुई

कानपुर, डेल्टा वेरिएंट की तरह लैंब्डा वैरिएंट भी संक्रामक है। देश में डेल्टा वेरिएंट की वजह से संक्रमण दर लगभग दोगुनी हो गई थी। ऐसी ही स्थिति पेरु में भी सामने आई थी। आइआइटी कानपुर के विशेषज्ञों ने वहां के संक्रमित हुए मामलों की गणितीय मॉडलिंग कर डेल्टा और लैंब्डा वेरिएंट के एक समान संक्रमण दर का अनुमान लगाया है। आइआइटी के कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग के प्रो. मणींद्र अग्रवाल और उनकी टीम गणितीय मॉडल सूत्र के माध्यम से कोरोना संक्रमित, संक्रमण दर, कम होते केस का लगातार आकलन कर रही है। उनका माडल हर दिन के हिसाब से आकलन कर रहा है।

विशेषज्ञों ने डेल्टा, फिर डेल्टा प्लस का अनुमान लगाने के बाद लैंब्डा के संक्रमण दर का अनुमान लगाया है। पेरू में एक अप्रैल 2020 से पाजिटिव केस आने शुरू हो गए। 15 जून 2020 तक पांच हजार केस प्रतिदिन आने लगे। जुलाई में संक्रमण की रफ्तार कुछ कम हुई, लेकिन 29 अगस्त तक 7.5 हजार केस रोजाना आने शुरू हो गए। 20 जनवरी 2021 तक करीब दो हजार केस प्रतिदिन आने लगे। 26 जनवरी से अचानक तेजी आ गई और फरवरी तक आठ हजार केस प्रतिदिन आने शुरू हो गए। मार्च में स्थिति कुछ सामान्य हुई, लेकिन अप्रैल में आठ हजार केस हर दिन आने लगे।

डेल्टा प्लस डेल्टा से घातक नहीं : आइआइटी के विशेषज्ञों ने महाराष्ट्र और केरल के मामलों का आकलन किया है। वहां डेल्टा प्लस के मामलों स्थिर बने हुए हैं। वहां जल्द ही हालात में सुधार आने की उम्मीद है। महाराष्ट्र में 31 जुलाई तक हालात बेहतर हो सकते हैं। केरल में थोड़ा समय लग सकता है।

27 जुलाई तक फरवरी जैसी स्थिति : मॉडल से आकलन में 27 जुलाई को कोरोना संक्रमण की स्थिति तीन फरवरी जैसी हो जाएगी। देश भर में 27 जुलाई को प्रस्तावित केस 12809 हो सकते हैं, जबकि तीन फरवरी 2021 को 12729 पाजिटिव केस थे।

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