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संक्रमण की दूसरी लहर के बाद बेली अस्पताल में ओपीडी शुरू हुई तो पहले दिन ही 362 मरीज पहुंचे।
पहले दिन 362 मरीजों को सात ओपीडी कक्ष में देखा गया। सर्जरी हड्डी रोग विभाग नेत्र मेडिसिन स्त्री एवं प्रसूति रोग दंत और त्वचा रोग के डाक्टर बैठे। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. किरन मलिक ने ओपीडी कक्षों में जाकर स्थिति पर नजर रखी।
प्रयागराज, तीन महीने तक कोविड लेवल टू अस्पताल रहने के बाद तेज बहादुर सप्रू अस्पताल (बेली) गुरुवार को 'अनलाक' हो गया। ओपीडी का संचालन हुआ, डाक्टर बैठे, मरीज पहुंचे और बीमारियों की जांच भी शुरू हो गई। कोरोना से बचाव के लिए अस्पताल को अभी कुछ बंदिशों के बीच रखा जा रहा है जिनमें एक ओपीडी कक्ष में एक ही डाक्टर बैठेंगे और पंजीकरण सीमित होगा। पहले दिन 362 मरीज देखे गए। सर्जरी शुरू नहीं हो सकी।
बेली को कोविड-19 में दूसरी बार लेवल टू का अस्पताल चार अप्रैल को बनाया गया था। उसी दिन से इसमें सामान्य बीमारियों वाले मरीजों की ओपीडी बंद कर दी गई थी। पिछले माह से स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल और मोतीलाल नेहरू मंडलीय अस्पताल (काल्विन) मेंं ओपीडी शुरू हो गई थी जबकि बेली अस्पताल में संचालन बंद ही रहा। गुरुवार से इसमें भी ओपीडी शुरू हो गई।
पहले दिन 362 मरीजों को सात ओपीडी कक्ष में देखा गया। सर्जरी, हड्डी रोग विभाग, नेत्र, मेडिसिन, स्त्री एवं प्रसूति रोग, दंत और त्वचा रोग के डाक्टर बैठे। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. किरन मलिक ने ओपीडी कक्षों में जाकर स्थिति पर नजर रखी। अस्पताल आए मरीजों के बीच शारीरिक दूरी बनाए रखने के लिए गार्ड सक्रिय किए गए थे।
काल्विन का लोड कम
बेली अस्पताल में ओपीडी संचालन से काल्विन अस्पताल का लोड कुछ कम हुआ है। अभी तक शहर के अधिकांश लोग काल्विन अस्पताल ही जा रहे हैं। इससे वहां मरीजों के सापेक्ष डाक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ कम पडऩे लगे थे। अब बेली में इलाज शुरू होने से काल्विन को राहत मिली है।