बरेली में महिला तस्कर के भाई ने कराया पुलिस को गुडवर्क, खोला राज, बेड के नीचे बाेरे में मिले 40 लाख

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RGA न्यूज़

 बरेली में महिला तस्कर के भाई ने कराया पुलिस को गुडवर्क

इस गुडवर्क के पीछे तस्कर के भाई का सबसे बड़ा रोल है। फतेहगंज पश्चिमी स्मैक तस्करी का बड़ा हब है। अभी तक फतेहगंज पश्चिमी पुलिस ने स्मैक तो पकड़ी लेकिन नगदी और अन्य सामान कभी नहीं पकड़ पाई।

बरेली, इस गुडवर्क के पीछे तस्कर के भाई का सबसे बड़ा रोल है। फतेहगंज पश्चिमी स्मैक तस्करी का बड़ा हब है। अभी तक फतेहगंज पश्चिमी पुलिस ने स्मैक तो पकड़ी लेकिन, नगदी और अन्य सामान कभी नहीं पकड़ पाई। यहां तक की तस्कर का मुखिया हत्थे ही नहीं चढ़ा। पुलिस के इस गुडवर्क की पूरी पटकथा लिखी तस्कर के भाई ने। दरअसल, फतेहगंज पश्चिमी निवासी फरार महिला तस्कर हफीजन का पति रफीफ उर्फ मलिक भी बड़ा स्मैक तस्कर है। फरवरी माह में रफीक आधा किला स्मैक के साथ गिरफ्तार किया गया था।

वर्तमान में वह जेल में है। हफीजन रफीक की दूसरी बीबी है। रफीक का भाई भी स्मैक तस्करी का ही धंधा करता है। वह हफीजन को पसंद नहीं करता। रफीक जब जेल गया तब उसके भाई ने हफीजन पर पुलिस की मुखबिरी का आरोप लगाया। दोनों के बीच विवाद बढ़ गया। करीब तीन महीने पहले हफीजन फतेहगंज पश्चिमी से आकर बिथरी चैनपुर के पदारथपुर में रहने लगी। पति के जेल जाने के बाद जब हफीजन तस्करी के धंधे में उतरी तो पीछे मुड़कर नहीं देखा। कम समय में हफीजन के बढ़ते साम्राज्य को देख रफीक के भाई ने पुलिस को सटीक इनपुट दिया जिसके बाद यह गुडवर्क हुआ।

हफीजन ने राजू के नाम ले रखा था मकान...दीवान बेड में बोरी में बंधे मिले रुपये

जिस घर से पुलिस ने 40 लाख की नकदी बरामद की। वह घर राजू के नाम है। राजू हफीजन के साढू का लड़का है। पूछताछ में सामने आया है कि घर हफीजन के नाम ही है। किसी को उस पर कोई शक न हो लिहाजा, उसने राजू के नाम मकान ले रखा था। दबिश में पुलिस ने 40 लाख रुपये दीवान बेड से बरामद किये। यह रकम चावल की बोरी में सिलकर रखी गई थी। स्मैक बेचने के बाद और माल मंगाने के लिए यह रकम रखी हुई थी।

घर में 15 आदमी नियमित करते थे काम...हर कमरे में एसी

राजू के जिस घर से पुलिस ने माल बरामद किया। तीन मंजिल बने उस मकान में 15 आदमी नियमित रूप से काम करते थे। वर्तमान में मकान की फिनिशिंग का काम चल रहा था। आस-पास के लोग बताते हैं कि घर में कुछ न कुछ काम लगातार चलता ही रहता है। मकान में जितने भी कमरे बने है। हर कमरे में ऐसी लगा है। पकड़े गए दोनों तस्कर खुद को बताते थे कि वह दिल्ली में दरजोजी का काम करते हैं।

घंटे में पुलिस गिन पाई रकम...पदारथपुर में हफीजन के हैं चार घर

देरशाम कार्रवाई माल बरामदगी के बाद पुलिस को नोट गिनने की मशीन नहीं मिल पाई। इसके बाद टीम में शामिल सदस्यों ने मिलकर रकम गिनी। सात सदस्याें ने छह घंटे में पूरी रकम गिनी। पड़ताल में यह भी सामने आया है कि हफीजन ने तस्करी की रकम से पदारथपुर में हाल में ही एक-एक कर चार घर खरीद लिये। इनकी कीमत करोड़ों में है। यहीं नहीं फतेहगंज पश्चिमी में भी उसने करोड़ो की संपत्ति बना रखी है। करोड़ों की कीमत के कई मकान के साथ उसके पास हाईवे पर बेशकीमती जमीनें भी है।

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