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गुजरात में भाजपा को मजबूत करेगा मंत्रिमंडल विस्तार।
नरेंद्र मोदी का मंत्रिमंडल विस्तार गुजरात में भाजपा को मजबूती देने वाला साबित होगा। प्रदेश में भाजपा का कोर वोट बैंक पाटीदार है तथा उसके साथ ओबीसी है। केंद्र में गुजरात से सात मंत्री हैं जिनमें से दो पाटीदार व दो ओबीसी समुदाय के हैं।
अहमदाबाद, नरेंद्र मोदी का मंत्रिमंडल विस्तार गुजरात में भाजपा को मजबूती देने वाला साबित होगा। प्रदेश में भाजपा का कोर वोट बैंक पाटीदार है तथा उसके साथ ओबीसी आ जाता है तो उसकी कोई काट नहीं होगी। केंद्र में गुजरात से सात मंत्री हैं, जिनमें से दो पाटीदार व दो ओबीसी समुदाय के हैं। चुनावी रणनीति में इससे सीधे कांग्रेस को नुकसान हो सकता है। गुजरात में अगले साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं तथा प्रदेश भाजपा इसके लिए तैयारियों में जुटी है। सरकार व संगठन पूरी तरह सक्रिय है, विधानसभा की 182 में से 150 सीट से अधिक जीतकर पूर्व मुख्यमंती माधव सिंह सोलंकी का 144 सीट का रिकार्ड तोड़ने की रणनीति पर काम किया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने इसके लिए सबसे पहला वार कांग्रेस के कोर वोट बैंक पर किया है।
गुजरात से दो ओबीसी नेता सूरत सांसद दर्शना जरदोश तथा खेडा सांसद देवू सिंह चौहाण को मंत्रिमंडल में शामिल कर ओबीसी समाज को सीधा संदेश दिया है। पुरुषोत्तम सोलंकी व मनसुख मांडविया दोनों का कद बढ़ा है, दोनों नेता पाटीदार समुदाय से आते हैं। रुपाला जहां कडवा पाटीदार समाज से हैं, जबकि मांडविया लेउवा पाटीदार। प्रधानमंत्री मोदी ने मंत्रिमंडल विस्तार के साथ गुजरात के राजनीतिक समीकरण को भी बखूबी साधा है। गांधीनगर सांसद अमित शाह, गुजरात से राज्यसभा सदस्य एस जयशंकर व सुरेंद्रनगर सांसद महेंद्र मुंजापरा भी केंद्रीय मंत्रिमंडल में हैं। गुजरात विधानसभा चुनाव में जीत के लिए यह जातिगत समीकरण पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय माधव सिंह सोलंकी की खाम थियरी क्षत्रिय, दलित, आदिवासी व मुस्लिम से भी अधिक कारगर साबित हो सकती है। वरिष्ठ नेता अहमद पटेल के निधन के बाद माधव सिंह के बेटे पूर्व मंत्री भर तसिंह सोलंकी गुजरात कांग्रेस की कमान संभालने की जुगत में हैं ,ऐसे में मोदी ने उससे पहले ही जातिगत गठजोड़ कर उनके फार्मूले की हवा निकालने का काम कर दिया है।
भाजपा और कांग्रेस को प्रभारी की तलाश
गुजरात भाजपा व कांग्रेस दोनों ही दलों को अपने नए प्रभारी की तलाश है। कांग्रेस प्रभारी राजीव सातव का निधन हुआ है, जबकि भाजपा प्रभारी भूपेंद्र यादव अब केंद्र में मंत्री बन गए हैं। गुजरात में नवंबर, 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में दोनों ही दल को जल्द प्रभारी की जरूरत है। कांग्रेस प्रभारी के रूप में राजस्थान के पूर्व प्रभारी अविनाश पांडे का नाम फाइनल माना जा रहा है, सोमवार तक इसकी घोषणा भी होनी थी लेकिन राजस्थान कांग्रेस में मचे घमासान के चलते निर्णय नहीं हो सका। भाजपा फिर वरिष्ठ नेता ओम माथुर को प्रभारी बनाकर ला सकती है।