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RGA न्यूज़
बेसिक शिक्षा विभाग अब बच्चों का माह में दो बार टेस्ट कराएगा।
परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा के स्तर को बेहतर करने की कवायद। आनलाइन शिक्षण से बच्चे सीख रहे हैं या नहीं होगा आकलन। माह में दो बार होंगे टेस्ट। शिक्षकों को बनानी होगी डायरी। विद्यार्थियों के सीखने के स्तर को बढ़ाने के लिए की जा रही कवायद।
आगरा, कोरोना संक्रमण के कारण विद्यालय भले बंद हैं, लेकिन सबसे ज्यादा प्रभावित परिषदीय विद्यालयों के विद्यार्थी हो रहे हैं। कारण, संसाधनों के अभाव में उनका आनलाइन शिक्षण रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है। ऐसे में अब विद्यार्थियों का पाक्षिक टेस्ट से आकलन कर रेमेडियल टीचिंग के माध्यम से उनका शैक्षिक स्तर बेहतर करने के प्रयास शुरू किए जाएंगे।
इसके लिए महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने निर्देश जारी कर दिए हैं। इसके तहत परिषदीय विद्यालयों में अब विद्यार्थियों को पाक्षिक (प्रत्येक दो हफ्ते में) यूनिट टेस्ट देना होगा। इसमें उनसे आनलाइन पढ़ाए गए पाठ्यक्रम में से सवाल पूछे जाएंगे। उनके उत्तर के आधार पर उनका आकलन किया जाएगा। इसके बाद उनके स्तर के अनुरूप उन्हें बेहतर शैक्षिक वातावरण उपलब्ध कराकर शैक्षिक स्तर में सुधार कराया जाएगा। विद्यार्थियों के सीखने के स्तर को बढ़ाने के लिए बेसिक शिक्षा परिषद स्तर से यह कवायद की जा रही है।
ह है उद्देश्य
इस सारी कवायद का उद्देश्य यह है कि इसके आधार पर शिक्षक पढ़ाई में कमजोर विद्यार्थियों को चिह्नित कर उन पर ज्यादा ध्यान दे पाएंगे। काम सिर्फ खानापूर्ति की भेंट न चढ़े, इसके लिए शिक्षकों को विद्यार्थियों को कराए जाने वाले शिक्षण कार्यों को अपनी डायरी में लिखना होगा।
बौद्धिक स्तर में होगा सुधार
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राजीव कुमार यादव का कहना है कि शासन के निर्देश पर जल्द ही विद्यालयों में पाक्षिक यूनिट टेस्ट लिए जाने की कवायद शुरू कराई जाएगी। इसके माध्यम से शिक्षक उन विद्यार्थियों का आकलन कर पाएंगे, जिनका सीखने का स्तर व बौद्धिक क्षमता अन्य विद्यार्थियों से कम है। इसके बाद उनके बौद्धिक स्तर के आधार पर उनका समूह बनाकर प्रतिदिन रेमेडियल टीचिंग की शुरुआत की जाएगी, जिसकी कक्षाएं अलग से लगाई जाएंगी और विद्यार्थियों को रोचक अंदाज में पढ़ाया जाएगा।