जिन पर रक्षा की जिम्मेदारी, वही बन जाते हैं शिकारी, शोषण करने पर प्रतापगढ़ में दो सीओ जा चुके जेल

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RGA न्यूज़

सीओ सदर और सीओ सिटी हुए थे गिरफ्तार, दोनों घटनाओं में पुलिस महकमे की हुई थी किरकिरी

महिला उत्पीड़न के मामले में पीडि़ता और उसके परिवार के लोग मजबूरी में थाने पहुंचते हैं और थाने में न्याय नहीं मिलने पर पुलिस अधीक्षक कार्यालय का चक्कर लगाते हैं। ऐसे में वही सीओ और थानेदार पीडि़त महिला की आबरू पर नजर गड़ा दें तो फिर न्याय कहां मिलेगा।

प्रयागराज, प्रतापगढ़ जनपद में पुलिस अधिकारियों पर यौन शोषण का आरोप लगना और फिर जेल भेजा जाना नया मामला नहीं है। सिपाही से लेकर सीओ तक पहले भी प्रतापगढ़ में दुराचार के मुकदमे में फंसे और गिरफ्तार कर जेल भेजे जा चुके हैं। अब सीओ पट्टी रहे नवनीत नायक के खिलाफ तहकीकात जारी है।

मौका मिला तो डाल दिया आबरू पर हाथ

कानून व्यवस्था को लागू करने और अपराध पर अंकुश लगाने की जिम्मेदारी खाकी के कंधों पर रहती है। उत्पीडऩ के शिकार लोग थाने में मदद की आस लेकर पहुंचते हैं। अधिकांश मामलों में पुलिस कार्रवाई भी करती है। महिला उत्पीड़न के मामले में पीडि़ता और उसके परिवार के लोग मजबूरी में थाने पहुंचते हैं और थाने में न्याय नहीं मिलने पर पुलिस अधीक्षक कार्यालय का चक्कर लगाते हैं। ऐसे में अगर वही सीओ और थानेदार पीडि़त महिला की आबरू पर नजर गड़ा दें तो फिर आखिर न्याय कहां मिलेगा। कुछ ऐसा ही करने पर जिले में पट्टी में तैनात रहे सीओ नवनीत नायक को शासन ने तीन दिन पहले निलंबित कर दिया। वह वर्ष 2019 में पट्टी में सीओ के पद पर तैनात थे। फेसबुक पर दोस्ती होने के बाद मध्य प्रदेश के छतरपुर जनपद की युवती उनसे मिलने आया करती थी। युवती का आरोप है कि उसे शराब पिलाकर सीओ ने यौन शोषण किया उसकी शिकायत पर सीओ के खिलाफ 376 का मामला दर्ज हुआ। युवती का मेडिकल टेस्ट कराया गया है। बयान दर्ज किया गया है। निलंबित हो चुके सीओ पर गिरफ्तारी का खतरा मंडरा रहा है।

मित्र की बेटी और फालोअर की पत्नी से दुराचार में फंसे थे

प्रतापगढ़ के यह पहले सीओ नहीं हैं जो यौन उत्पीडऩ के मामले में निलंबित हुए हैं, इसके पहले भी जिले में तैनात रह चुके दो सीओ दुष्कर्म के मामले में जेल जा चुके हैं। करीब 12 साल पहले यहां सीओ सदर एसबी थे। उन पर फालोअर की पत्नी से यौन शोषण का आरोप लगा था। कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके उन्हें जेल भेज दिया था। यही नहीं करीब सात साल पहले यहां सीओ सिटी अमरजीत शाही थे। उन पर कानपुर की एक नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म करने का आरोप लगा था। वह छात्रा उनके मित्र की बेटी थी। कानपुर पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके उन्हें जेल भेजा था।

दुष्कर्म के मामले में दो एसओ गए थे जेल

नाबालिक लड़की और महिला से दुष्कर्म के मामले में दो थानेदार भी जेल जा चुके हैं। करीब दशक भर पहले मानिकपुर थाने के थानेदार रामकेश वर्मा थे। उन पर एक पीडि़त महिला से दुष्कर्म करने का आरोप लगा था। तत्कालीन एसपी ने मुकदमा दर्ज कराकर उन्हें जेल भेजा था। इसी तरह जेठवारा एसओ रहे मनोज राय पर अपहरण के बाद बरामद की गई किशोरी से थाने में दुष्कर्म करने का आरोप लगा था। उन्हें भी जेल जाना पड़ा था।

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