आएगी जब कोरोना की तीसरी लहर तो प्रयागराज में कम न पड़ेगी आक्सीजन

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RGA न्यूज़

कोरोना वायरस की तीसरी लहर से निपटने के लिए स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने तैयारी कर ली है।

सीएमओ ने कहा कि सभी की कोशिश रहनी चाहिए कि कोरोना से बचाव के इंतजाम खुद भी करते रहें। इससे कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका को रोक सकते हैं। यदि कोई आकस्मिक स्थिति हुई तो स्वास्थ्य महकमा अब पूरी तरह से तैयार है।

प्रयागराज। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है तो अब इससे निपटने के इंतजाम भी पुख्ता कर लिए गए हैं। संगम नगरी प्रयागराज में तो आक्सीजन की ऐसी व्यवस्था हो गई है, जिसके बारे में किसी ने पहले सोचा भी नहीं था। शहर से लेकर गांव तक के सरकारी और निजी अस्पतालों पर आक्सीजन पर जोर है। तीसरी लहर आई और संक्रमितों के फेफड़े में दिक्कत की वजह से आक्सीजन लेवल घटा तो मरीजों को आक्सीजन देने का बेहतर इंतजाम है।

सभी सरकारी अस्पतालों का भरा आक्सीजन बैंक

स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय परिसर में थ्री स्टेज आक्सीजन की पर्याप्‍त व्यवस्था हो चुकी है। अब इंतजाम कुछ ऐसा है कि 24 घंटे 1000 मरीजों को आक्सीजन सप्लाई के साथ ही करीब चार दिन का बैकअप भी तैयार हो चुका है। यहां दो आक्सीजन जेनरेशन प्लांट लग चुके हैं तो बाहर से लाई जाने वाली आक्सीजन के लिए 20-20 हजार लीटर के दो टैंक, सिलिंडर वाली आक्सीजन भी भरपूर है

बेली और काल्विन अस्‍पताल में भी आक्‍सीजन प्‍लांट लगेंगे

बेली अस्पताल और काल्विन अस्पताल में भी आक्सीजन प्लांट लग रहे हैं। इन दोनों अस्पतालों में भी सिलिंडर वाले आक्सीजन की व्यवस्था ने स्वास्थ्य विभाग को किसी भी आकस्मिक परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार कर दिया है।

बच्‍चों के लिए पीकू वार्ड तैयार, सीएचसी में भी तगड़ी व्यवस्था

गंगापार में दो और यमुनापार के इलाकों में भी दो-दो सीएचसी में आक्सीजन बैंक हो गया है। शासन भी इसकी निगरानी कर रहा है। एक अनुमान के मुताबिक कोरोना की दूसरी लहर आने में एक माह से अधिक का अभी समय है। ऐसे में अस्पतालों में आक्सीजन की तैयारी भरपूर की जा रही है। इन चारों अस्पतालों में बच्चों के लिए 10-10 बेड वाले पीकू वार्ड भी तैयार है।

सीएमओ बोले- आकस्मिक स्थिति से निपटने को स्‍वास्‍थ्‍य विभाग तैयार

मुख्य चिकित्साधिकारी डा. प्रभाकर राय कहते हैं कि सभी की कोशिश रहनी चाहिए कि कोरोना से बचाव के इंतजाम खुद भी करते रहें। ऐसा करने से तीसरी लहर आने की आशंका को ही कुंद किया जा सकता है। फिर भी यदि कोई आकस्मिक स्थिति हुई तो स्वास्थ्य महकमा अब पूरी तरह से तैयार है।

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