दिल्ली से लखनऊ के बीच 130 किमी. गति से दौड़ेगी स्पेशल ट्रेन, अंतिम ट्रॉयल पूरा

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RGA न्यूज़

दिल्ली से लखनऊ के बीच स्पेशल ट्रेन का अंतिम चरण के ट्रायल पूरा।

रेलवे बोर्ड नई दिल्ली से लखनऊ के बीच ट्रेनों की गति 130 किलोमीटर प्रति घंटे करने की तैयारी कर रहा है। जिससे यह सफर 645 घंटे में तय हो सके। अभी सुपरफास्ट ट्रेन राजधानी एक्सप्रेस 715 घंटे का समय लेती है।

लखनऊ, रेलवे बोर्ड के अफसरों को लेकर नई दिल्ली से लखनऊ और फिर यहां से दीन दयाल उपाध्याय नगर तक कई सेक्शनों पर ट्रायल शनिवार को पूरा हो गया। बोर्ड की स्पेशल ट्रेन शनिवार को लखनऊ से मुरादाबाद होकर नई दिल्ली के बीच 130 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से दौड़ी। हालांकि वापसी में इस ट्रेन ने लखनऊ से लखनऊ से नई दिल्ली पहुंचने में 35 मिनट का समय अधिक लिया। ऐसा कई सेक्शन पर अधिकतम गति की सीमा तय करने के लिए लगे कॉशन और कर्व के कारण हुआ।

रेलवे बोर्ड नई दिल्ली से लखनऊ के बीच ट्रेनों की गति 130 किलोमीटर प्रति घंटे करने की तैयारी कर रहा है। जिससे यह सफर 6:45 घंटे में तय हो सके। अभी सुपरफास्ट ट्रेन राजधानी एक्सप्रेस 7:15 घंटे का समय लेती है। जबकि अन्य सुपरफास्ट ट्रेनें आठ से नौ घंटे का समय लगाती हैं। रेलवे बोर्ड के इंजीनियरिंग, मैकेनिकल, ऑपरेटिंग, सिग्नल सहित कई अनुभागों के सीनियर अधिकारियों की टीम पांच जुलाई को नई दिल्ली से स्पेशल ट्रेन से रवाना हुए थे। टीम स्पेशल ट्रेन से ऑक्सीलेशन ट्रायल के लिए सुबह 9:45 बजे रवाना हुई। यह टे्रन 130 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से दौड़ी और गाजियाबाद, मुरादाबाद, बरेली के रास्ते शाम 4:30 बजे लखनऊ पहुंची थी। जबकि अगले दिन छह जुलाई को इस ट्रेन ने सुलतानपुर के रास्ते दीन दयाल उपाध्याय नगर तक 110 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से और सात जुलाई को दीन दयाल उपाध्याय नगर से सुलतानपुर लखनऊ होकर कानपुर तक, आठ को कानपुर- लखनऊ-प्रतापगढ़ होकर वाराणसी जबकि नौ जुलाई को वाराणसी से प्रतापगढ़ होकर लखनऊ तक 110 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से ट्रायल किया था। शनिवार को सुबह 5:10 बजे यह स्पेशल ट्रेन मुरादाबाद रूट पर रवाना हुई। ट्रेन दोपहर 12:30 बजे नई दिल्ली पहुंची। जबकि इसके ठीक पीछे 02503 डिब्रूगढ़-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस को चलाया गया। अब रेलवे बोर्ड में इस ट्रायल की रिपोर्ट सौंपी जाएगी। जिसके बाद कुछ सेक्शन पर स्पीड बढ़ाने के लिए प्वाइंट बदलने जैसे जरूरी काम होंगे। इन काम के पूरा होने के बाद ट्रेनों की गति बढ़ायी जाएगी।

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