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भागलपुर नगर निगम कर्मचारियों ने रखी अपनी मांगे।
बिहार राज्य स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के बैनर तले स्थानीय निकाय कर्मचारियों ने भागलपुर नगर निगम कार्यालय के गेट पर धरना दिया। 11 सूत्री मांगों को लेकर कर्मचारियों ने सीएम और डिप्टी सीएम को भी ज्ञापन लिखा जिसे नगर आयुक्त को सौंपा गया। पढ़ें पूरी खबर...
भागलपुर। नगर निगम कार्यालय में राज्य स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के कर्मियों ने अपनी 11 सूत्री मांगों को लेकर नगर आयुक्त के समक्ष जोरदार प्रदर्शन किया। निगम का कामकाज निष्पादन कर निगम प्रवेश द्वार पर एक घंटे का प्रदर्शन किया। इसके बाद मुख्यमंत्री एवं उप मुख्यमंत्री, नगर विकास एवं आवास विभाग के नाम संबंधित मांग पत्र को भेजने के लिए नगर आयुक्त को सौंपा।
गुरुवार को बिहार राज्य स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के संयोजक मनोज कृष्ण सहाय के साथ आदित्य जयसवाल, जय प्रकाश यादव, विकास हरि ने अजय शर्मा ने प्रदर्शन की अगुवाई की। प्रदर्शनकारी ने कहा कि नगर निकाय कर्मी वर्षो से उपेक्षित है, सामाजिक न्याय कि सरकार में जहां सभी तबके के लोग तन्मयता के साथ दिन-रात संक्रमण काल में भी समर्पित होकर कूड़ा आदि निस्तारण करते रहे।
विभिन्न बीमारियों से संक्रमित होकर असामयिक काल का ग्रास बन जाते है। वहीं निकाय कर्मियों को छोटी-छोटी सुविधा के लिए भी बार-बार आंदोलन करना पड़ता है। आर्थिक लाभ से भी वंचित होना पड़ता है। पांच अगस्त 2019 को तत्कालीन नगर विकास मंत्री के साथ वार्ता के बाद आंदोलनात्मक कार्यक्रम को स्थगित किया गया लेकिन, उन मुद्दों पर दो वर्ष बीतने के बाद भी कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया।
उसके बदले प्रधान सचिव ने 75 वां संशोधन के विपरीत नगर निकाय के क्षेत्र में दखलंदाजी करते हुए स्थानांतरण की तुगलकी फरमान जारी की दी। इस मौके पर शंकराचार्य उपाध्याय, बबलू हरि मनोज साह, ललिता देवी, कपिलदेव दास उत्तम कुमार, राजीव कुमार प्रदीप झा गोपाल दत्त ठाकुर, विनोद हरि, पंकज कुमार, विशाल हरि सौरव सुमन इजाजुल हक, गौतम मल्लिक, राकेश भारती, पुणेन्दु कुमार, मनोज चौधरी आदि कर्मी शामिल हुए।
कर्मियों ने विभाग से की मांग
1. कोरोना संक्रमण के दौरान कार्य करने वाले सभी श्रेणी के कर्मियों को दो माह का वेतन मानदेय एवं मजदूरी के समतुल्य प्रोत्साहन राशि के रूप में चिकित्सा कर्मी की तर्ज पर भुगतान हो।
2. संक्रमण से मृत कर्मचारियों का भुगतान व 50 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा हो।
3. आउटसोर्सिंग की प्रथा समाप्त की जाए, संविदा दैनिक वेतन एवं कमीशन पर कार्य करने वाले को नियमित की जाए, सफाई कर्मी एवं अन्य चतुर्थ के पदों का सृजन की जाए।
4. सातवें वेतन पुनरीक्षण सभी स्थानीय निकायों पर समान रूप से लागू किया जाए।
5. संविदा दैनिक एवं कमीशन पर कार्यरत कर्मियों का न्यूनतम मजदूरी 18,000/- रूपया मासिक निर्धारित कर इसे वेतन उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के साथ जोड़ा जाए।
6. वर्षो से संविदा एवं दैनिक वेतन पर कार्यरत कर्मियों को ईपीएफ व ईएसआई लागू हो।
7. पांचवां एवं पष्ठम वेतन पुनरीक्षण का सत्यापन स्थानीय स्तर हो।
8. 74वीं सविधान संशोधन के अनुसार स्थायी समिति एवं बोर्ड के निर्णय तथा बजट में प्रावधान में दिये गए लाभ को लागू किया जाए। इसकी सरकार से स्वीकृति मिली।
9. पंचम एवं षष्ठम वेतन पुनरीक्षण का बकाया अंतर वेतन का भुगतान किया जाए।
10. सेवानिवृत्त कर्मचारियों का जिन निकायों में पेंशन व आजीवन पारिवारिक पेंशन नहीं दिया जा रहा है वहां समान रूप से लागू किया जाए।
11. पुरानी चतुर्थ वर्गीय के पदों को बरकरार रखते हुए आबादी के अनुसार अतिरिक्त चतुर्थ वर्ग के पदों का सृजन किया जाए।