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हर पल बदल रहा मौसम का मिजाज सेहत पर भारी पड़ने लगा है।
हर पल बदल रहा मौसम का मिजाज सेहत पर भारी पड़ने लगा है। दोपहर को चिलचिलाती धूप और रात को उसम भरी गर्मी से हाल बेहाल है। खानपान में जरा सी लापरवाही अस्पताल का रास्ता दिखा रही है। मानसून तो मानो रूठ ही गया है।
अलीगढ़। हर पल बदल रहा मौसम का मिजाज सेहत पर भारी पड़ने लगा है। दोपहर को चिलचिलाती धूप और रात को उसम भरी गर्मी से हाल बेहाल है। खानपान में जरा सी लापरवाही अस्पताल का रास्ता दिखा रही है। मानसून तो मानो रूठ ही गया है। अब ताे आसमान पर बादल भी नजर नहीं आते। सुबह के वक्त हवा चलने पर मौसम बदलने का एहसास जरूर होता है, लेकिन सूरज चढ़ते ही उम्मीदों पर पानी फिर जाता है। रविवार को भी सुबह के वक्त मौसम का मिजाज कुछ ऐसा ही रहा। भोर होने पर ठंडी हवा सुकून दे रही थी। लेकिन जैसे-जैसे सूरज चढ़ने लगा गर्मी ने हालत बिगाड़ दी। घर के अंदर बिना कूलर, एसी के बैठना भारी पड़ रहा था।
धान की रोपाई का कार्य बाधित
रविवार को सुबह अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जबकि, न्यूनतम तापमान 26 डिग्री रहा। दोपहर तक तापमान बढ़ जाएगा। भीषण गर्मी में लोगों की दिनचर्या प्रभावित हो रही है। वहीं, बिजली कटौती ने भी हालत खराब कर दी है। बिजली गुल होते ही लोग पसीने से तरबतर हो जाते हैं। ऐसे में संक्रामक बीमारी का खतरा भी बढ़ गया है। उल्टी, दस्त, डायरिया, मलेरिया के मरीज बढ़ रहे हैं। बच्चे ज्यादा प्रभावित हैं। चिकित्सक खानपान में सावधानी बरतने की नसीहत दे रहे हैं। डा. संतोष कुमार का कहना है कि बच्चों को धूप में न खिलने दें। घर का शुद्ध खाना व नाश्ता दें। बाहर की तली, भुनी सामग्री न खाने दें। ऐसे मौसम में बिजली कटौती मुश्किलें खड़ी कर रही है। विभागीय अधिकारी इसकी वजह लोड बढ़ना बता रहे हैं। फाल्ट भी हो रहे हैं। उधर, बारिश न होने से किसानों की परेशानी बढ़ गई है। धान की रोपाई का कार्य बाधित हो रहा है। किसानों को नलकूपों के सहारे धान की रोपाई करनी पड़ रही है। ऐसे में किसानों की लागत बढ़ रही है।