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शिकायत के बाद जांच हुई तो खुला मामला, पहली अप्रैल से निकाले गए सभी टेंडरों की जांच
नगर निगम में कार्यों का आनलाइन टेंडर होता है। पिछले दिनों निगम ठेकेदार विकास मिश्रा ने ई-टेंडर में भारी अनियमितता और भ्रष्टाचार की शिकायत नगर आयुक्त रवि रंजन से की थी। उन्होंने जनकार्य विभाग के प्रधान लिपिक और कंप्यूटर आपरेटर अंशू पांडेय पर ई-टेंडर में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया
प्रयागराज, टेंडर जारी करने में गड़बड़ी होने की वजह से टेंडर प्रक्रिया को आनलाइन कर दिया गया था लेकिन अब इसमें भी खेल होने लगा है। नगर निगम में आनलाइन टेंडर में हेराफेरी करते हुए कंप्यूटर आपरेटर और बाबू ने अपने चहेतों को टेंडर दिलवा दिया। यह खेल लंबे समय से चल रहा है। ठेकेदारों ने इसकी शिकायत की और हंगामा किया तो जांच शुरू कर दी गई थी। जांच होने पर गड़बड़ी सामने आई तो संविदा पर तैनात आपरेटर को हटा दिया गया।
तीस साल से एक ही सीट पर था आपरेटर
नगर निगम में सभी तरह के कार्यों का आनलाइन टेंडर होता है। पिछले दिनों निगम के ठेकेदार विकास मिश्रा ने ई-टेंडर में भारी अनियमितता और भ्रष्टाचार की शिकायत नगर आयुक्त रवि रंजन से की थी। उन्होंने जनकार्य विभाग के प्रधान लिपिक और कंप्यूटर आपरेटर अंशू पांडेय पर ई-टेंडर में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया है। बताया कि वह अपने चहेते लोगों को टेंडर दिलाते हैं और रिकार्ड में हेराफेरी करते हैं। अब तक कई टेंडर में ऐसी गड़बड़ी कर चुके हैं। बताया कि प्रधान लिपिक करीब 30 साल से एक ही सीट पर कार्यरत हैं। शिकायत पर नगर आयुक्त द्वारा मामले की जांच मुख्य अभियंता सतीश कुमार को सौंपी गई है। मुख्य अभियंता ने बताया कि जांच में प्रथम दृष्टया कंप्यूटर आपरेटर के दोषी पाए जाने पर उसे हटा दिया गया है। जांच अभी चल रही है और एक सप्ताह में पूरी कर ली जाएगी। इस सत्र में निकाले गए सभी टेंडरों की जांच होगी।