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पीजीआइ परिसर मे तीमारदारों का सामान व मोबाइल चुराने वाले दिव्यांग को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस ने आरोपित की निशानदेही पर चोरी के छह मोबाइल फोन बरामद किए हैं। पुलिस ने फाजिल्का स्थित हनुमानगढ़ निवासी बलविंदर सिंह की शिकायत पर हरमन के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे जिला अदालत में पेश किया। अदालत ने आरोपित को 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
चंडीगढ़। पीजीआइ परिसर के बाहर मरीजों के तीमारदार, सेक्टर 17, सेक्टर 43 बस स्टैंड पर यात्री का मोबाइल फोन चोरी करने वाले विकलांग को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए आरोपित की पहचान लुधियाना स्थित जमलपुर निवासी हरमन सिह के रूप में हुई। पुलिस ने आरोपित की निशानदेही पर चोरी के छह मोबाइल फोन बरामद किए हैं। सेक्टर-36 थाना पुलिस ने फाजिल्का स्थित हनुमानगढ़ निवासी बलविंदर सिंह की शिकायत पर आरोपित हरमन के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे जिला अदालत में पेश किया। अदालत ने आरोपित को 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
फाजिल्का सिथत हनुमानगढ़ निवासी बलविंदर सिंह ने बताया कि 10 जुलाई को वह किसी काम से चंडीगढ़ आया था। रात को वह सेक्टर 43 बस स्टैंड पर रुक गया। इस दौरान किसी ने उसका मोबाइल फोन चोरी कर लिया। उसने मामले की सूचना पुलिस को दी। सेक्टर 36 थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपित को पकड़ने के लिए थाना प्रभारी मनिंदर सिह के नेतृत्व में स्पेशल टीम बनाई। टीम ने मोबाइल चोरी करने वाले लुधियाना स्थित जमलपुर निवासी हरमन सिह को गिरफ्तार कर उससे मोबाइल फोन बरामद किया। जांच में पता चला कि आरोपित हरमन सिह पीजीआइ, सेक्टर 17 और 43 बस स्टैंड पर रुकने वाले लोगों का सामान चोरी करता था ताकि वह अपना गुजारा कर सके। पुलिस ने बताया कि आरोपित सेक्टर 17 और 43 बस स्टैंड पर रहता था। पुलिस ने आरोपित की निशानदेही पर छह मोबाइल फोन बरामद किए हैं। उक्त आरोपित पर कुल सात आपराधिक मामले दर्ज हो रखे हैं। जिनमें सेक्टर-36 पुलिस स्टेशन में तीन, सेक्टर-11 पुलिस स्टेशन में दो, सेक्टर-17 पुलिस स्टेशन में एक और मलोया थाने में एक मामला दर्ज हो रखा है
पीजीआइ में ऐसे करता था चोरी
पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि आरोपित हरमन कभी-कभी पीजीआइ में भी जाकर मरीजों के तीमारदार के सामान चोरी करता था। पीजीआइ परिसर के बाहर सोने वाले मरीजों पर ताक रखने वाला आरोपित मौका पाकर मोबाइल या पर्स और नगदी व सामान चोरी कर निकल जाता था। वह वारदात को अंजाम देने के लिए कुछ दिन अपने शिकार के आसपास ठहरता भी था।