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RGA न्यूज़
नई शिक्षा नीति के अंतर्गत आंबेडकर विवि आगरा में भी कई बदलाव होंगे।
शासन ने जारी किए निर्देश 2022-23 में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में होंगे कई बदलाव। 62 पाठ्यक्रम तैयार उच्च शिक्षा परिषद की वेबसाइट पर अपलोड। हालांकि आंबेडकर विश्वविद्यालय ने इस संबंध में शासन को पहले ही बोर्ड आफ स्टडीज की बैठकें कराकर संशोधित पाठ्यक्रम की जानकारी भेज दी थी।
आगरा, शासन ने प्रदेश के सभी राज्य एवं निजी विश्वविद्यालयों में संचालित तीन विषय वाले सभी त्रिवर्षीय पाठ्यक्रमों में नए सत्र से ही नई शिक्षा नीति लागू करने का आदेश दे दिया है। डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय इस संबंध में शासन को पहले ही बोर्ड आफ स्टडीज की बैठकें कराकर संशोधित पाठ्यक्रम की जानकारी भेज दी थी।
शासन द्वारा जारी पत्र में बताया गया है कि त्रिवर्षीय स्नातक स्तर के 62 पाठ्यक्रम तैयार किए जा चुके हैं। यह पाठ्यक्रम उच्च शिक्षा परिषद की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है। विश्वविद्यालयों में न्यूनतम समान पाठ्यक्रम के तहत 70 फीसद पाठ्यक्रम समान होगा। यह व्यवस्था चिकित्सा एवं तकनीकी शिक्षा के अतिरिक्त सभी संकायों के कार्यक्रमों पर लागू होगी। विधि के लिए व्यवस्था का निर्धारण उनकी नियामक संस्थाओं के अनुरूप किया जाएगा। तीन विषय वाले सभी त्रिवर्षीय पाठ्यक्रमों व बीकाम में सीबीसीएस आधारित नवीन पाठ्यक्रम लागू होगा।
इस तरह का होगा पाठ्यक्रम
एक वर्ष का सर्टिफिकेट, दो वर्ष का डिप्लोमा, तीन वर्ष की स्नातक, चार वर्ष की स्नातक (शोध सहित), पांच वर्ष की स्नातकोत्तर तथा शोध उपाधि।
द्वितीय या तृतीय वर्ष में बदल सकेंगे विषय
शासनादेश के अनुसार छात्र द्वितीय या तृतीय वर्ष में विषय बदल सकेंगे। विषय न्यूनतम एक वर्ष के बाद ही बदला जा सकेगा। छात्र को प्रवेश के समय कला, विज्ञान एवं वाणिज्य में से संकाय को चुनना होगा। चुने हुए संकाय के दो मुख्य विषय लेने होंगे। पहले से छठें सेमेस्टर तक इसकी शिक्षा दी जाएगी। तीसरे मुख्य विषय का चुनाव अन्य किसी भी संकाय के साथ कर सकेगा। तीन मेजर और माइनर इलेक्टिव विषय चुनते हुए यह अनिवार्य होगा कि छात्र को कम से कम एक विषय अन्य संकाय से लेना होगा।
2022-23 में होंगे कई बदलाव
- स्नातक(शोध सहित) एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में सीबीसीएस आधारित नवीन पाठ्यक्रम लागू होगा।
- बीए, बीएससी आनर्स तथा एकल विषय स्नातक कार्यक्रमों में सीबीसीएस आधारित नवीन पाठ्यक्रम लागू होगा।
- पीएचडी में नवीन व्यवस्था लागू होगी।
लेना होगा कौशल विकास कोर्स
स्नातक स्तर के हर छात्र को प्रथम दो वर्ष के प्रत्येक सेमेस्टर में तीन क्रेडिट का एक कौशल विकास कोर्स करना होगा।
शोध परियोजना के लिए निर्देश
स्नातक व स्नातकोत्तर स्तर पर छात्र को प्रत्येक सेमेस्टर में शोध परियोजना करनी होगी। छात्र द्वारा चुने गए तीसरे वर्ष के दो मुख्य विषयों में से किसी एक विषय एवं चतुर्थ, पंचम एवं षष्टम वर्ष के मुख्य विषय से संबंधित शोध परियोजना करनी होगी।