सिद्धू-सोनिया बैठक से भी नहीं सुलझा पेंच, अब रावत आज चंडीगढ़ आएंगे Punjab Congress Party पंजाब कांग्रेस में हाई वोल्‍टेज ड्रामा बाद नवजोत सिंह सिद्धू और हरीश रावत ने दिल्‍ली में सो‍निया गांधी के साथ बैठक होगी। सिद्धू को प्रदेश अध्‍यक्ष बनाने को लेकर आलाकम

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RGAन्यूज़

Punjab Congress Party पंजाब कांग्रेस में हाई वोल्‍टेज ड्रामा बाद नवजोत सिंह सिद्धू और हरीश रावत ने दिल्‍ली में सो‍निया गांधी के साथ बैठक होगी। सिद्धू को प्रदेश अध्‍यक्ष बनाने को लेकर आलाकमान का फैसला जल्‍द आ सकता है

सिद्धू-सोनिया बैठक से भी नहीं सुलझा पेंच, अब रावत आज चंडीगढ़ आएंगे

चंडीगढ़, । Punjab Congress High Voltage Drama : नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्‍यक्ष बनाने को लेकर हाईवोल्‍टेज ड्रामा जारी है। सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत के साथ पार्टी की कार्यवाहक राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष सोनिया गांधी के साथ बैठक की। इसके साथ ही बताया जाता है कि सिद्धू की बैठक से पहले मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह की ओर से साेनिया गांधी को पत्र दिया गया। इससे पूरे मामले में सस्‍पेंस गहरा गया है।

कैप्‍टन अमरिंदर सिंह से बात करने कल चंडीगढ़ आएंगे हरीश रावत, फिर सिद्धू पर होगा ऐलान

दूसरी ओर, विवाद के समाधान के लिए हरीश रावत कल चंडीगढ़ आएंगे। वह सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह से मिलकर पूरे मामले पर बातचीत करेंगे। इसके बाद उम्‍मीद है कि सिद्धू को पंजाब कांग्रेस अध्‍यक्ष बनाने के मामले में स्थिति साफ हो जाएगी।

अमृतसर में जश्‍न मनाने आए सिद्धू समर्थकों को होना पड़ा 

दूसरी ओर, पंजाब में सिद्धू के समर्थकों ने जश्‍न मनाना शुरू कर‍ दिया है। अमृतसर में सिद्धू की कोठी के बाहर उनके समर्थक ढोल आदि लेकर पहुंच गए, लेकिन आधिकारिक रूप से घोषणा नहीं होने के कारण वापस चले गए।

अमृतसर में नवजाेत सिंह सिद्धू की कोठी के बाहर पहुंचे उनके समर्थक। 

इसके साथ ही बताया जाता है कि सिद्धू और रावत कीसोनिया गांधी की बैठक में पंजाब कांग्रेस को लेकर फैसला हो गया है। दूसरी ओर, पंजाब में सिद्धू और उनके विरोधी खेमे के बीच पोस्‍टर वार शुरू हो गया है। पंजाब में अमृतसर और लुधियाना सहित कई जगहों पर सिद्धू के समर्थकों ने पोस्‍टर-बैनर लगाए। लुधियाना में इस तरह के पोस्‍टर को फाड़ दिया गया।

कैप्टन के ओएसडी लिफाफा लेकर सोनिया गांधी से मिले

दूसरी ओर, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के ओएसडी ने दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। दिल्ली में मुख्यमंत्री के ओएसडी नरिंदर भांभरी नवजोत सिंह सिद्धू की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ बैठक से ठीक पहले भेंट की। बताया जाता है कि भांभरी के हाथ में एक लिफाफा भी था जो वह सोनिया गांधी को देकर आए। इस लिफाफे में क्या था, इसको लेकर कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं 

बता दें कि बीते कल यह चर्चा थी कि सिद्धू को प्रधान बनाने के बीच कैप्टन ने सोनिया गांधी को इस्तीफा देने की पेशकश कर दी है। हालांकि बाद में मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने इस बात से साफ इन्‍कार कर दिया था। उन्‍होंने ट्वीट कर कहा था कि कैप्टन ने न तो इस्तीफा दिया है और न ही इसकी पेशकश की थी।

नरेंद्र भांभरी के सिद्धू से मुलाकात से ठीक पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह का पत्र लेकर जाने को लेकर कयासबाजी शुरू हो गई है। हालांकि मुख्यमंत्री के करीबियों का कहना है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह फौजी है। फौजी पीठ दिखाकर नहीं भागता है। फौजी मैदान नहीं छोड़ता। भांभरी ने सोनिया गांधी से मिलने की बात तो कही है लेकिन उन्होंने यह बताने से इन्‍कार कर दिया कि वह किस वजह से मिले थे

पंजाब कांग्रेस का फैसला आते ही तुरंत बताऊंगा : हरीश  रावत

इससे पहले पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश पार्टी की कार्यवाहक राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष सोनिया गांधी से मिलने उनके आवास 10, जनपथ पहुंचे। सोनिया के साथ सिद्धू और पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत की बैठक हुई। इसके बाद दोनों नेता वहां से रवाना हो गए। बताया जाता है कि इसमें सिद्धू को पंजाब कांग्रस अध्‍यक्ष बनाने को लेकर चर्चा हुई।

सा‍ेनिया गांधी के साथ बैठक के बाद हरीश रावत ने मीडिया से बातचीत में क‍हा कि मैंने पूरे मामले पर पार्टी अध्‍यक्ष सोनिया गांधी को अपनी रिपोर्ट और राय दे दी है। मैं जल्‍द ही पंजाब कांग्रेस के मामले में पार्टी के फैसले की जानकारी मीडिया को 

कैप्‍टन अमरिंदर की नाराजगी की चर्चा पर रावत बोले- संवादहीनता है तो उसे दूर करेंगे

पंजाब के मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह के पार्टी के कुछ फैसलों से नाखुश होने के बारे में पूछे जाने पर रावत ने कहा कि य‍दि कोई संवादहीनता है तो मैं उसे दूर करने के लिए मौजूद हूं और इसे दूर किया जाएगा। कैप्‍टन अमरिंदर सिंह की तारीफ करते हुए रावत ने कहा कि पंजाब के लोग राज्‍य में जिस तरह की सुरक्षा का माहौल चाहते हैं कांग्रेस सरकार ने दिया है। लाेग राज्‍य में शा‍ंति बहाल करने के लिए कैप्‍टन अमरिंदर सिंह की तारीफ कर रहे हैं। राज्‍य के लोग प्रयोग नहीं चाहते हैं। राज्‍य में जब भी अकाली सत्‍ता में आए अशांति फैली।

पंजाब में सिद्धू के लिए बधाई के पोस्‍टर भी लगे, लुधियाना में दूसरे गुट ने फाडे़

दूसरी ओर, पंजाब में सिद्धू के समर्थकों ने उनको प्रदेश प्रधान बनाने के लिए कांग्रेस नेतृत्‍व को धन्‍यवाद के बैनर व पोस्‍टर लगा रहे हैं। अमृतसर और लुधियाना में सिद्धू के समर्थन में पोस्‍टर लगाए गए हैं। हालांकि लुधियाना में दूसरे गुट द्वारा इन्‍हें फाड़ने की घटना भी सामने आई है। 

अमृतसर में लगाया गया नवजोत सिंह सिद्धू के लिए बधाई का बैनर। (जागरण)

कल से पंजाब कांग्रेस में चल रहा है हाईवोल्‍टेज ड्रामा

बता दें कि सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्‍यक्ष घोषित करने की चर्चाओं के बाद पार्टी में कल से हाई वाेल्‍टेज ड्रामा चल रहा है। इसके बाद नवजोत सिंह सिद्धू को सोनिया गांधी ने आज दिल्‍ली बुलाया।  कांग्रेस की कार्यवाहक अध्‍यक्ष सोनिया गांधी के साथ सिद्धू और रावत की बैठक हुई। बताया जाता है कि इस बैठक में पंजाब कांग्रेस अध्‍यक्ष को लेकर सोनिया गांधी ने अपना फैसला सुना दिया। समझा जाता है कि बैठक में पंजाब कांग्रेस में कल से जारी घटनाक्रम बारे में भी बात हुई।

सोनिया की सिद्धू और रावत के साथ बैठक

बताया जाता है कि सोनिया गांधी और नवजोत सिंह सिद्धू की बैठक को लेकर पंजाब कांग्रेस का एक धड़ा मान रहा है कि अब प्रदेश प्रधान की घोषणा हो जाएगी।  दूसरा धड़ा कह रहा है कि बड़े स्तर पर विरोध के कारण कोई बीच का रास्ता निकालने के लिए सोनिया ने सिद्धू को बुलाया। सिद्धू इस बैठक के लिए सुबह-सुबह ही पटियाला से दिल्ली के लिए रवाना हो गए।

कैप्टन-सिद्धू के विवाद में मनीष तिवारी भी कूदे, सिख और हिंदुओं के आंकड़े पेश किए

दूसरी ओर अब पूरे मामले में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के करीबी सांसद व वरिष्ठ कांग्रेस नेता मनीष तिवारी भी कूद पड़े हैं। कांग्रेस के प्रदेश प्रधान को लेकर चल रही उठापटक के बीच मनीष तिवारी में पंजाब के जातीय आंकड़े पेश किए। उन्होंने इसको लेकर ट्वीट किया है। उन्‍होंने लिखा है- बराबरी सामाजिक न्याय की बुनियाद है। पंजाब में सिख 57.75 फीसदी, हिंदू 38.49 फीसदी, दलित (सिख और हिंदू) 31.94 फीसदी। माना जा रहा है कि तिवारी ने यह ट्विट मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा प्रदेश प्रधान की कमान किसी हिंदू नेता को देने के समर्थन में किया है।

बता दें कि पंजाब कांग्रेस में हाई वोल्‍टेज ड्रामा की वजह से ही ऐन वक्‍त पर सिद्धू की कल ताजपोशी के ऐलान को रोक दिया गया। पूरे मामले में पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत भी एक तरह से निशाने पर आ गए और उनको सोनिया गांधी के दरबार में सफाई देनी पड़ी।

दरअसल पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू की अंदरूनी जंग खत्म करने के लिए तय सियासी फार्मूले से पर्दा हटते ही कांग्रेस में कल हलचल मच गई। वीरवार को कांग्रेस के पंजाब के प्रभारी हरीश रावत ने सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की बात कही तो कैप्टन सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को यह संदेश दिया कि यह सही फैसला नहीं है। इसके बाद दोनों खेमों में जोर आजमाइश व दबाव की सियासत तेज हो गई है। रात तक तो पंजाब कांग्रेस में खेमेबाजी चरम पर पहुंच गई। सिद्धू और कैप्‍टन ने अपने करीबी मंत्रियों और विधायकों के साथ बैठके कीं।

कांग्रेस में वीरवार को पूरा दिन दिल्ली से लेकर चंडीगढ़ तक गहमागहमी रही। सुबह हरीश रावत ने नई दिल्ली में बातचीत के दौरान सूबे की सियासत में कैप्टन-सिद्धू का संघर्ष लगभग खत्म हो जाने का एलान किया। उन्‍होंने कहा कि मुख्यमंत्री और कांग्रेस हाईकमान के बीच हुई चर्चा के बाद समाधान का रास्ता निकल गया है। सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के प्रस्ताव से जुड़े सवाल पर रावत ने कहा कि सुलह का फार्मूला इस विकल्प के आस-पास ही रखा गया है। रावत ने इशारों में साफ कर दिया कि सिद्धू प्रदेश कांग्रेस की बागडोर संभालेंगे।

कमलनाथ, अश्वनी कुमार व प्रताप बाजवा ने भी जताया एतराज

रावत के इस बयान के बाद पंजाब कांग्रेस में हलचल तेज हो गई और कैप्‍टन अमरिंदर व प्रताप सिंह बाजवा जैसे वरिष्‍ठ नेताओं की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई। सूत्रों के मुताबिक अमरिंदर सिंह ने सोनिया गांधी गांधी को फोन कर आपत्ति जताई। बताया जाता है कि राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा के अलावा वरिष्ठ नेता कमल नाथ और पूर्व कैबिनेट मंत्री अश्वनी कुमार ने भी एतराज जताया।

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