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प्रोफेशनल का कहना है कि 4242 करोड़ में बना यह पोर्टल देश के लिए सफेद हाथी साबित हो रहा है। यह काम नहीं कर पा रहा है। पूर्व चल रहा पोर्टल आसान था और इससे सभी प्रोफेशनल के साथ साथ आम लोग भी जागरूक थे।
लुधियाना में इनकम टैक्स पोर्टल पर चर्चा करते हुए डिस्ट्रिक्ट टैक्सटेशन बार एसोसिएशन के सदसदस्
लुधियाना। जीएसटी प्रक्रिया आरंभ हुए कई साल बीत जाने के बावजूद इसकी पर्याप्त जानकारी न मिलने से परेशान टैक्स प्रोफेशनल के लिए अब नया इंकम टैक्स पोर्टल बड़ी परेशानी बन गया है। इस पोर्टल पर रिटर्न फाइल करने के दौरान तमाम तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इसमें न तो डाटा सेव हो पा रहा है और न ही रिटर्न फाइल हो पा रही है। 1 जून से लागू हुए नए पोर्टल को टैक्स प्रोफेशनल की ओर से सिरे से नकार दिया गया है।
इसको लेकर टैक्स प्रोफेशनलस की ओर से डिस्ट्रिक्ट टैक्सटेशन बार एसोसिएशन के बैनर तले शुक्रवार को होटल फ्रैंडस रिजेंसी में एक बैठक कर इस पोर्टल से संबंधित मंथन किया। इस दौरान प्रधानमंत्री एवं वित्तमंत्री को ज्ञापन भेजने के लिए 22 प्वाइंटस का एक ज्ञापन भी तैयार किया। इसमें इस पोर्टल से संबंधित समस्याओं पर चर्चा की गई है।
प्रोफेशनल का कहना है कि 4242 करोड़ में बना यह पोर्टल देश के लिए सफेद हाथी साबित हो रहा है। यह काम नहीं कर पा रहा है। पूर्व चल रहा पोर्टल आसान था और इससे सभी प्रोफेशनल के साथ साथ आम लोग भी जागरूक थे। नया पोर्टल 30 साल के अनुभव रखने वाले प्रोफेशनल का भी पसीना छुड़ा रहा ह
इस बैठक में प्रधान जसमिंदर सिंह, उपप्रधान राजीव शर्मा, सचिव रविकांत गुप्ता, ज्वाइंट सचिव राजेश गर्ग, संदीप गर्ग, वरूण गर्ग, अर्ष गौड़, अशोक भाटिया, रचित भंडारी, विशाल गर्ग सहित कई नामी टैक्स प्रोफेशनल मौजूद थे।
पोर्टल से इन समस्याओं का करना पड़ रहा सामना
नए इंकम टैक्स पोर्टल में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अभी तक वित्तीय वर्ष 2021-22 की इंकम टैक्स रिटर्न नहीं भरी जा पा रही, जिसके एक तरफ तो सीए और प्रोफेशनल का काम प्रभावित हो रहा है, वहीं करदाताओं को न तो रिफंड जारी हो पा रहा है और न ही वे बैंक लोन, वीजा लेने के लिए अपनी इंकम टैक्स रिटर्न न भरी हो पाने के कारण आवेदन कर पा रहे हैं। विभाग की ओर से अभी तक टैक्स आडिट संबंधी फार्म भी पोर्टल पर उपलब्ध नहीं कराया गया
वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए भरी गई रिटर्नों की आनलाइन पोर्टल पर प्रोसेसिंग न होने के कारण करदाताओं को उनके बनते रिफंड भी जारी नहीं किए जा रहे। कई केसों में तो अप्लाई करने के छह महीने बीत जाने पर भी रिफंड जारी नहीं हो पाए। करदाताओं को जारी हुए इंकम टैक्स के नोटिसों संबंधी जो जवाब आनलाइन पोर्टल पर फाइन किया जाता है। उनकी प्रोसेसिंग भी बहुत धीमी है और कई बार अपलोड किया गया जवाब भी पोर्टल पर दिखाई नहीं देता।
टीडीएस भरने में भी दिक्कत आ रही है
इसी तरह टीडीएस रिटर्न भरने में दिक्कत आ रही है। फार्म 35 भी भरने में परेशानी हो रही है। विदेश फंड भेजने के लिए फार्म 15 सी ए और 15 सी बी इंकम टैक्स पोर्टल पर भरना होता है, लेकिन अभी यह भी इसमें शामिल नहीं किया गया है। धारा 271 ए के तहत पैनालटी के नोटिसों का भी करदाता जवाब नहीं दे पा रहे। पुराने केसों की रिमांड रिपोर्ट भी पोर्टल पर नहीं है। नए पैन एवं टैन नंबर के लिए एक्टिवेशन ईमेल भी आयकर दाता द्वारा दिए गए ई-मेल एड्रेस पर नहीं आ रही है। इसके साथ ही कई अहम मुद्दों को लेकर ज्ञापन तैयार किया गया है।