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इन दिनों रिटेल सब्जी मंडी में कोई भी सब्जी 50 रुपए प्रति प्रति किलो से कम नहीं मिल रही। जिसे केवल गरीब ही नहीं बल्कि मध्यमवर्ग भी प्रभावित होने लगा है। हालांकि सब्जी के कारोबारी बरसाती मौसम के कारण दामों में इजाफा होने की बात कह रहे हैं।
रिटेल सब्जी मंडी में कोई भी सब्जी 50 रुपए प्रति प्रति किलो से कम नहीं मिल रही।
जालंधर। पेट्रोल-डीजल के बाद सब्जियों के दामों में रसोई का बजट गड़बड़ा दिया है। चंद दिनों बाद सब्जियों के दाम में फिर से उछाल आ गया है। इन दिनों रिटेल सब्जी मंडी में कोई भी सब्जी 50 रुपए प्रति प्रति किलो से कम नहीं मिल रही। जिसे केवल गरीब ही नहीं बल्कि मध्यम वर्ग भी प्रभावित होने लगा है। हालांकि सब्जी के कारोबारी बरसाती मौसम के कारण दामों में इजाफा होने की बात कह रहे हैं, इसके साथ ही आने वाले कई दिनों तक दाम यथावत रहने का दावा भी करते हैं।
इन दिनों पेट्रोल के दाम 100 रुपए प्रति लीटर का आंकड़ा पार कर चुके हैं। वहीं, सब्जियों के दामों में भी रोजाना इजाफा हो रहा है। चंद दिन पूर्व 50 से ₹60 बिक रहे गोभी के दाम इन दिनों ₹80 प्रति किलो का आंकड़ा छू चुके हैं। यही स्थिति मटर की भी है। इन दिनों मटर के दाम रिटेल में ₹120 प्रति किलो पहुंच गए हैं। यही नहीं लहसुन तथा अदरक ने भी भाजी का तड़का बिगाड़ दिया है। मंडी में लहसुन के दाम ₹120 तथा अदरक के दाम ₹80 किलो त
- क्या कहते हैं व्यापार
इस बारे में रिटेल सब्जी विक्रेता जगदीश कुमार बताते हैं कि बरसाती मौसम में हरी सब्जियों को सबसे अधिक नुकसान होता है। यही कारण है कि इन दिनों पालक के दाम ₹50 प्रति किलो को पार कर चुके हैं यही स्थिति धनिया तथा पुदीना की भी है।इसी तरह सब्जी विक्रेता जसपाल सिंह बताते हैं कि इन दिनों गोभी मटर सहित कई सब्जियां हिमाचल से मंगवानी पड़ रही है जिस पर परिवहन खर्च अतिरिक्त पड़ता है। यही कारण है कि सर जी तथा अदरक लहसुन के दाम आसमान छू रहे हैं।
चंद दिनों में यह रहा दिमों का अंतर
सब्जी--- पहले---अब
गोभी---50 से60--- 80
मटर ---80 ---120
लहसुन---60---120
अदरक---60---80
खीरा---30---50
घीया---30--- 60
पालक---30--- 50
फलियां---40---80