
RGAन्यूज़ लखनऊ
सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच ने आरपीएफ के एक इंस्पेक्टर द्वारा पिछले दस वर्षों के दौरान आय के श्रोतों से कहीं अधिक व्यय किए जाने की शिकायत सही पाए जाने पर उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज जांच शुरू कर दी है।
इंस्पेक्टर के पास विभिन्न शहरों में लाखों की चल-अचल संपत्ति का खुलासा हुआ है। अभी तक आरोपी इंस्पेक्टर के पास आय के ज्ञात श्रोतों से 86, 01, 844 रुपये की अतिरिक्त संपत्ति का खुलासा हुआ है।
सीबीआई की एंटी करप्शन शाखा के पुलिस अधीक्षक राघवेंद्र वत्स ने बताया कि एनसीआर, इलाहाबाद में आरपीएफ के इंस्पेक्टर संजय कुमार पांडेय के पास आय के ज्ञात श्रोत से कहीं अधिक की संपत्ति मौजूद होने की शिकायत आई थी।
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि संजय ने यह संपदा अनैतिक तरीके से अर्जित की है। इस पर सीबीआई ने संजय की संपत्ति के बारे में जब जानकारी जुटानी शुरू की तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।
सीबीआई को जानकारी मिली कि इंस्पेक्टर के नाम से लखनऊ के गोमतीनगर के विशालखंड में 45 लाख रुपये कीमत का एक भूखंड, पांडे के नाम से भारतीय स्टेट बैंक के खाते में 63, 407 रुपये, गोंडा में बालपुर बाजार स्थित भारतीय स्टेट बैंक में राम लगन पांडेय के नाम से खुले खाते में 4, 53, 866 रुपये, इसी नाम से गोमतीनगर स्थित पंजाब नेशनल बैंक के खाते में 2, 04, 355 रुपये, गोंडा बालपुर बाजार स्थित इलाहाबाद बैंक के खाते में 3, 90, 000 रुपये, गोमतीनगर में भारतीय स्टेट बैंक में नीतू पांडेय के खाते में 29, 989 रुपये के अलावा 14 लाख रुपये कीमत की होंडा सिटी कार की जानकारी सामने आई।
इस पड़ताल के दौरान सीबीआई ने दिल्ली, इलाहाबाद, गोंडा व लखनऊ में कुल पांच ठिकानों पर छापामारी कर आरोपी इंस्पेक्टर की चल-अचल संपत्ति से संबंधित कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए।
सीबीआई के मुताबिक यह रकम, जमीन व कार ( कुल कीमत 70, 41, 617 रुपये) वर्ष 2007 से 2017 की अवधि में अर्जित किए गए। जबकि इस अवधि में इंस्पेक्टर संजय कुमार पांडेय के सभी ज्ञात श्रोतों से उनकी कुल आय 57, 63, 109 रुपये ही होती है।
Mऐसे में यह पाया गया कि आरोपी इंस्पेक्टर ने इस अवधि में 15, 60, 227 रुपये का जो व्यय किया वह उनके ज्ञात आय के श्रोतों से अधिक है। सीबीआई के अफसरों का कहना है कि इसके अलावा छापेमारी में सामने आए दस्तावेजों से पता चल रहा है कि इस अवधि में आरोपी इंसपेक्टर ने उपरोक्त संपत्ति अर्जित करने के आलावा लगभग 73, 23, 336 रुपए का निवेश भी किया है।
इसमें इंस्पेक्टर द्वारा इस रकम के अर्जन के बारे में कोई संतोषजनक जवाब न दिए जा सकने की वजह से, सीबीआई ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत दर्ज कर लिया है। इस मामले की तफ्तीश सीबीआई की एंटी करप्शन के डीएसपी पीके श्रीवास्तव को सौंपी गई है।