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कई बार इनकम टैक्स जमा करते समय हमें कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ता है और टैक्स से संबंटैक्सधित हमारी कई शिकायतें भी रहती हैं। साथ ही अक्सर ही हमें अपनी उन समस्याओं या परेशानियों को लेकर आयकर विभाग के कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ जाते है।
ABHISHEK PODDARSun, 08 Aug 2021 08:15 AM (IST)
आयकर विभाग ने शनिवार से ‘फेसलेस’ या ई-आंकलन योजना सुविधा की शुरुआत की है।
नई दिल्ली,। आपमें से कई लोग ऐसे होगें जो इनकम टैक्स का भुगतान करते हैं। हर एक जिम्मेदार नागरिक का यह कर्तव्य भी होता है कि वह समय से ईमानदारी पूर्वक अपने आयकर का भुगतान जरूर करे। पर कई बार इनकम टैक्स जमा करते समय हमें कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ता है और टैक्स से संबंधित हमारी कई शिकायतें भी रहती हैं। साथ ही अक्सर हमें अपनी उन समस्याओं या परेशानियों को लेकर आयकर विभाग के कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ जाते हैं, और कई बार अधिकारियों से मिलने में भी हमारा कीमती समय चला जाता है।
आयकर दाताओं की इस समस्या को दूर करने के लिए और उनकी सहूलियत के लिए आयकर विभाग ने शनिवार से ‘फेसलेस’ या ई-आंकलन योजना सुविधा की शुरुआत की है। इसके तहत आयकर विभाग की तरफ से करदाताओं के लिए तीन आधिकारिक ई-मेल आईडी को जारी किया गया था। इस सुविधा के तहत अब करदाताओं को ना ही विभाग के ऑफिस का चक्कर लगाने की जरूरत पड़ेगी और ना ही किसी अधिकारी का सामना करना पड़ेगा।
आयकर विभाग ने अपने आधिकारिक ट्विटर पेज के जरिए नागरिकों के लिए यह संदेश जारी किया है "कि करदाताओं की सुविधा को और बढ़ाने के लिए, आयकर विभाग ने लंबित मामलों के संबंध में शिकायतें दर्ज कराने के लिए फेसलेस योजना के तहत समर्पित तीन ई-मेल आईडी की शुरुआत की है। सभी समस्याओं को इन तीन मेल आईडी के माध्यम से सुलझाया जाएगा जो कि निम्नलिखित हैं"
फेसलेस असेसमेंट के लिए, samadhan.faceless.assessment@incometax.gov.in;
फेसलेस पेनाल्टी के लिए, samadhan.faceless.penalty@incometax.gov.in;
और फेस लेस अपील के लिए, samadhan.faceless.appeal@incomet
विभाग ने कहा कि "समस्याओं के निदान के लिए तीन अलग-अलग प्रकार की मेल आईडी बनाई गई है, जिसके द्वारा अलग अलग शिकायतों का समाधान आसानी से किया जा सकेगा। फेसलेस प्रणाली के तहत अब ना तो आयकर दाताओं को ऑफिस आने की जरूरत है और ना ही किसी अधिकारी से मिलने की जरूरत है"
यह एक केंद्रीय ई-मेल आधारित प्रणाली है, जिसकी शुरुआत केंद्र सरकार के द्वारा 2019 में शुरु की गई थी।