15 गांवों में कीचड़ और गंदगी, नहीं जुड़ा संपर्क, जानिए पूरी खबर

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चंबल नदी का जलस्तर घटकर 121 मीटर पर धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हालात

15 गांवों में कीचड़ और गंदगी, नहीं जुड़ा संपर्क

आगरा। चंबल नदी के जलस्तर में आई गिरावट के बाद हालात धीरे-धीरे सामान्य होने लगे हैं। गुरुवार शाम को नदी का जलस्तर 121 मीटर रहा। टीलों पर शरण लेकर रह रहे उमरैठा पुरा के लोग वहीं हैं। उनका कहना है कि नदी का पानी उनके घरों में गंदगी और सड़ांध छोड़ गया है। घरों में रह नहीं सकते। ग्रामीणों ने टीले पर ही रहने का स्थान दिलवाने की मांग की है। उधर, 15 गांवों का संपर्क अब भी तहसील मुख्यालय से टूटा हुआ है। यहां पानी तो कम हो गया है लेकिन कीचड़ और दलदल के चलते आवागमन सुचारू नहीं हुआ है।

चंबल नदी में जलस्तर बढ़ने से 28 जुलाई को हालात बिगड़ने शुरू हुए थे। तटवर्ती गांवों के संपर्क मार्गो में पानी भरने के बाद चार अगस्त को उमरैठा पुरा के लोग टीले पर टेंट में रहने चले गए थे। गुढ़ा, गोहरा, रानीपुरा, भटपुरा, झरनापुर, मऊ की मढ़ैया, सिमराई, भगवानपुरा, रेहा, कछियारा समेत 15 गांवों का तहसील मुख्यालय से संपर्क कट गया था। यहां आठ से 10 फीट पानी भर गया था। तीन दिन से नदी का जलस्तर कम होने लगा है। अब इन गांवों में कीचड़ और गंदगी है। लोगों का कहना है कि ऐसी स्थितियों में कतई नहीं रहा जा सकता। प्रशासन पहले कीचड़ व गंदगी साफ कराए। इसके बाद ही वे अपने घरों पर लौट पाएंगे। उटंगन नदी का जलस्तर भी घटा

उटंगन नदी का जलस्तर भी कम होने लगा है। तटवर्ती गांव मनोना, सेहा, सीयपुरा, टोढ़ा, बसई अरेला, अरनोटा में खेतों में खड़ी बाजरों की फसल को काफी नुकसान हुआ है। ग्रामीणों ने नुकसान के मुआवजे की मांग की है। गुरुवार को भी नदी के जलस्तर में गिरावट दर्ज की गई। नदी का बहाव भी थमा है।

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