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RGA न्यूज़
प्रदेश सरकार ने सड़कों और भवनों के निर्माण में बड़ा परिवर्तन किया है। अब तक सड़कें बनाता आ रहा विश्व बैंक खंड पांच करोड़ से अधिक बजट वाले सभी आवासीय भवनों का निर्माण करेगा। यह जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) पर थी।
राजा महेंद्र प्रताप सिंह राजकीय विश्वविद्यालय भी है, जिसके लिए 101 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत हुआ है।
अलीगढ़, प्रदेश सरकार ने सड़कों और भवनों के निर्माण में बड़ा परिवर्तन किया है। अब तक सड़कें बनाता आ रहा विश्व बैंक खंड पांच करोड़ से अधिक बजट वाले सभी आवासीय भवनों का निर्माण करेगा। यह जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) पर थी। इसके चलते जिले के तमाम बड़े प्रोजेक्ट विश्व बैंक खंड को सौंप दिए गए हैं। इसमें राजा महेंद्र प्रताप सिंह राजकीय विश्वविद्यालय भी है, जिसके लिए 101 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत हुआ है। शासन के आदेश के बाद पीडब्ल्यूडी ने निर्माण कार्य की फाइलें सौंप भी दी हैं।
चार जिलों के छात्रों को मिलेगी राहत
जिले के गांव लोधा-मूसेपुर में 93 एकड़ जमीन पर बनाया जाना है। यह आवंटित हो चुकी है। मंडल के चारों जिलों अलीगढ़, हाथरस, एटा व कासगंज के छात्रों को राहत दिलाने के लिए लंबे समय से राज्य स्तरीय विश्व विद्यालय की मांग की जा रही थी। इन चारों जिलों के कालेज आगरा के आंबेडकर विश्वविद्यालय से जुड़े हैं। वहां अधिक काम के चलते समय पर परीक्षा और परिणाम की दिक्कतें आ रही हैं। 2019 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इगलास विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव के दौरान हुई सभा में इसकी घोषणा की थी। इसके बाद जमीन आवंटन की प्रक्रिया पूरी की गई। पीडब्ल्यूडी ने विश्वविद्यालय की जमीन पर काम शुरू कर दिया। कुछ दिन पहले ही शासन ने विश्व बैंक खंड को स्वतंत्र इकाई बनाकर सिर्फ आवासीय निर्माण की जिम्मेदारी दे दी। इससे राजकीय विश्वविद्यालय, गभाना क्षेत्र के टमकौली में अटल आवासीय विद्यालय, पीएसी 38वीं और 45वीं वाहिनी के काम भी विश्व बैंक खंड के पास चले गए।
2023 तक बनेगा प्रशासनिक ब्लाक
पहले अलीगढ़ जिले में ही शामिल रहे हाथरस के मुरसान के राजा महेंद्र प्रताप सिंह महान क्रांतिकारी थे, जिनके नाम पर सरकार ने विवि नाम घोषित किया। इसका प्रशासनिक ब्लाक 2023 तक पूरा होना है। ताकि विवि के प्रशासनिक कार्य यहीं शुरू हो सकें। ऐसा होने पर मंडल के छात्रों को आगरा नहीं जाना पड़ेगा।
अलीगढ़ को बनाया जोन
विश्व बैंक खंड अलीगढ़ को जोन बनाया गया है। यहां अलीगढ़, हाथरस, कासगंज और एटा चारों जिले आएंगे। अलीगढ़ में बैठने वाले अधिशासी अभियंता को चारों जिलों की जिम्मेदारी दी गई है। इन जिलों में पांच करोड़ रुपये से ऊपर के आवास से संबंधित कोई भी काम होंगे, उसे विश्व बैंक खंड कराएगा।
कर्मचारियों की नहीं हुई तैनाती
शासन ने विश्व बैंक खंड को भवन निर्माण के लिए भले ही स्वतंत्र इकाई बना दिया हो, मगर कर्मचारियों की तैनाती नहीं की गई है। अभी तक यहां पर अधिशासी अभियंता, दो सहायक अभियंता और एक जेई हैं। इससे अधिकारियों के भी हाथ-पांव फूले हुए हैं। क्योंकि जिले के तमाम बड़े प्रोजेक्ट खंड के पास हैं। चुनाव नजदीक आने से तमाम प्रोजेक्टों की शुरुआत करनी है। क्योंकि इस पर सीधे अधिकारियों की नजर रहेगी। विश्वविद्यालय तो सीएम योगी आदित्यनाथ की प्रमुखता में है। ऐसे में काम को गति कैसे दी जाएगी, यह बड़ा सवाल है। जेई की तैनाती के लिए शासन को लिखा गया है।