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RGA न्यूज़
यूपी के बरेली में पूर्व पार्षदों ने नगर निगम के पर्यावरण अभियंता के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जिसके चलते पार्षदों ने पर्यावरण अभियंता से बतौर सिविल इंजीनियर के रूप में कार्य लिए जाने को गलत बताया है।
पूर्व पार्षदों ने यूपी सीएम को भेजा पत्र, बोले- बरेली में हो रहा राजाज्ञा का उल्लंघन
बरेली, यूपी के बरेली में पूर्व पार्षदों ने नगर निगम के पर्यावरण अभियंता के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जिसके चलते पार्षदों ने पर्यावरण अभियंता से बतौर सिविल इंजीनियर के रूप में कार्य लिए जाने को गलत बताया है। पूर्व पार्षदों ने मामले की शिकायत सीधे यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ सहित अन्य आला अफसरों से की है। पार्षदों ने मामले में यूपी सीएम को पत्र भेज कर राजाज्ञा का उल्लंघन होना बताया है।इसके साथ ही उन्होंने कार्रवाई किए जाने की भी बात कही है।
पूर्व पार्षद बाेले- अव्यवस्था से परेशान है शहर के लाेग
पूर्व पार्षद मुनीष शर्मा और राजेश तिवारी का कहना है कि शहर में लोग अव्यवस्थाओं से परेशान हैं। सीवर का बदबूदार पानी सड़कों पर बह रहा है। चोक नालियां गंदगी से बजबजा रही हैं। जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों के विपरीत कूड़े में आग लगाई जा रही है। अमृत योजना के तहत पार्कों में करोड़ रुपये लगाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि नगर निगम में पर्यावरण अभियंता को गलत तरीके से सिविल इंजीनयर का भी चार्ज दे रखा है। यह राजाज्ञा के विपरीत है
राजाज्ञा का हाे रहा उल्लंघन, नहीं लिया जा सकता काम
उत्तर प्रदेश शासन द्वारा प्रख्यापित राजाज्ञा सं.465/नौ-4-11-डब्लू एल सी/07 के अनुसार किसी भी पर्यावरण अभियंता को न तो अधिशासी अभियंता बनाया जाएगा और न ही उससे सिविल कार्य ही लिया जाएगा। यदि ऐसा किया जाता है तो विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी होगी। उन्होंने पत्र भेजकर राजाज्ञा का अनुपालन सुनिश्चित कराने एवं पर्यावरण अभियंता को तत्काल प्रभाव से अधिशासी अभियंता पद से हटाकर मूल पद पर प्रतिस्थापित किए जाने की मांग की है। वही, नगर आयुक्त अभिषेक आनंद का कहना है कि पर्यावरण अभियंता को सिविल काम दिया जा सकता है। उनके पास सिविल की डिग्री है।