Amrit Mahotsav: आगरा के आसमान में थल सेना के जांबाजों ने किए हैरतअंगेज करतब, देखें वीडियो

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RGA news

आगरा में शुक्रवार सुबह थल सेना के 75 स्काई डाइवर्स ने स्‍वतंत्रता दिवस के अवसर पर मनाए जा रहे अमृत महोत्‍सव में किया अपने शौर्य का प्रदर्शन। आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर 75 जवानों ने किए हैरतअंगेज प्रदर्शन

आगरा के बीओसी मैदान में आसमान से छलांग लगाते सैनिक।

आगरा, । आप भी उस पल को महसूस कर गर्व का अनुभव कर सकते हैं, जब देश की थल सेना के जांबाज अपने शौर्य का प्रदर्शन कर रहे हों। हजारों फीट की ऊंचाई पर जब राष्‍ट्रीय ध्‍वज लहराता नजर आए तो ये हर भारतीय के लिए गौरवान्वित करने वाले क्षण होंगे। आगरा में थल सेना ने शुक्रवार सुबह अपने अदम्‍य साहस और वीरता का प्रदर्शन कर सभी को तालियां बजाने के लिए विवश कर दिया। लोग दांतों तले उंगुली दबाकर इस प्रदर्शन को देखते रहे। इस अवसर पर थल सेना ने अपने विभिन्‍न हथियारों का भी प्रदर्शन किया।

15 अगस्त 2022 को देश स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ मनाएगा लेकिन उससे पूर्व केंद्र सरकार की पहल पर अमृत महोत्सव शुरू हो गया है। इस महोत्सव के तहत विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इन्हीं में से एक 75 स्काई डाइवर्स द्वारा आसमान से छलांग लगाना भी शामिल है। शुक्रवार सुबह साढ़े आठ बजे से यह कार्यक्रम पैरा ब्रिगेड स्थित बीओसी मैदान में शुरू हो ग

वायुसेना के विमान से एक के बाद एक 75 जवान छलांग लगाने जा रहे हैं। इनके हाथ में तिरंगा था और उसे थामे ये बीओसी मैदान में उतरे। इसके अलावा कई और भी हैरतअंगेज करतब प्रस्तुत किए जा रहे हैं। दूसरी तरफ थल सेना ने अपने हथियारों की प्रदर्शनी भी लगाई है। इसमें तोप, रॉकेट लांचर, टैंक, हैवी मशीन गन, कैंप तथा दुश्‍मन का नेस्‍तनाबूद कर देने वाले अन्‍य हथियार प्रदर्शित किए गए हैं।

पीटीएस कर रहा कमाल, हर साल 48 हजार होती हैं छलांग

आगरा एयरफोर्स स्टेशन स्थित पैरा ट्रेनिंग स्कूल (पीटीएस) देश का इकलौता ऐसा सेंटर है, जो विमान से छलांग लगाने की ट्रेनिंग देता है। पैराशूट की मदद से जवान नीचे उतरते हैं। मलपुरा ड्रापिंग जोन में हर साल 48 हजार छलांग होती

पैराशूट डिजाइन में सेफ्टी और रिलाइबिलिटी अहम

हवाई वितरण अनुसंधान एवं विकास संस्थापन (एडीआरडीई) स्वदेशी पैराशूट को तेजी से बढ़ावा दे रहा है। पैराशूट की डिजाइन में सेफ्टी और रिलाइबिलिटी अहम है। जरा सी कमी दिक्कत पैदा कर सकती है। एडीआरडीई द्वारा गगनयान का रिकवरी सिस्टम विकसित किया जा रहा है जबकि पी-16, पी-7 जैसे हैवी ड्राप सिस्टम तैयार किए जा चुके हैं। गुरुवार को एडीआरडीई परिसर में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। चीफ टेस्ट जंपर ग्रुप कैप्टन आरसी त्रिपाठी ने कहा कि पैराशूट की प्रारंभिक डिजाइन पर बारीकी से काम होना चाहिए। एडीआरडीई इस कार्य को बेहतर तरीके से कर रही है। कार्यक्रम में उत्कृष्ट वैज्ञानिक और निदेशक प्रो. एके सक्सेना ने आरसी त्रिपाठी को स्मृति चिन्ह भेंट किया। वैज्ञानिक कमलेश कुमार सहित अन्य मौजूद रहे।

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