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रविंद्र और सौरभ ने बताया कि वह असलहों की तस्करी के लिए 14-16 वर्ष के किशोरों की मदद लेते थे। कम पढ़े लिखे और आर्थिक रूप से कमजोर किशोरों को वे आसानी से अपने जाल में फंसा लेते थे।
तमंचा तस्करी में गिरफ्तार गैंग सदस्यों के अनुसार तमंचा तीन हजार में खरीदते थे और छह हजार में बेचते थे।
प्रयागराज:- प्रयागराज के धूमनगंज पुलिस ने असलहों की तस्करी करने वाले जिस गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है, पूछताछ में दोनों ने कई राजफाश किए हैं। दोनों ने बताया कि देशी तमंचा तीन हजार रुपये में खरीदते थे और इसे छह हजार या इससे अधिक दाम में बेचते थे। लंबे समय से वे असलहों की तस्करी कर रहे थे। जिले के साथ ही पड़ोसी जनपद प्रतापगढ़ और कौशांबी में भी कई बदमाशों को तमंचा और कारतूस बेचा था।
कम पढ़े लिखे और आर्थिक रूप से कमजोर किशोरों को फंसाते थे
पुलिस द्वारा गिरफ्तार तस्कर रविंद्र गौतम उर्फ छोटू निवासी हुसैनपुर पावन थाना पूरामुफ्ती, हाल पता मुंडेरा बाजार व सौरभ कुशवाहा निवासी मुंडेरा नीमसराय के साथ ही एक नाबालिक किशोर को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पूछताछ के दौरान रविंद्र और सौरभ ने बताया कि वह असलहों की तस्करी के लिए 14-16 वर्ष के किशोरों की मदद लेते थे। कम पढ़े लिखे और आर्थिक रूप से कमजोर किशोरों को वे आसानी से अपने जाल में फंसा लेते थे। दो-तीन सौ रुपये देने का लालच देकर असलहों की तस्करी करवाते थे। जिसको तमंचा-कारतूस देना होता था, उसके पास किशोरों को भेजा जाता था। कम उम्र के होने के कारण कोई इन पर संदेह भी नहीं करता था।
किस-किस को बेचा है तमंचा, पता लगा रही पुलिस
रविंद्र और सौरभ ने किन-किन बदमाशों को तमंचा-कारतूस बेचा है, इसकी जानकारी पुलिस जुटा रही है। कुछ के नाम भी दोनों ने बताए हैं। साथ ही गिरोह के सरगना का नाम फहद निवासी उजिहनी थाना चरवा जनपद कौशांबी बताया है। फहद ही है जो रविंद्र और सौरभ को तमंचा-कारतूस बेचता था। वह इसे कहां से लाता था, इस बारे में पुलिस को अभी कोई जानकारी नहीं मिली है। पुलिस का कहना है कि फहद की गिरफ्तारी के बाद सभी सवालों का जवाब मिल जाएगा। साथ ही कई और नाम भी सामने आने की संभाव