क्‍या आपके बच्‍चे के दांत में भी है कीड़ा, तो ध्‍यान देने की है जरूरत

harshita's picture

RGA न्यूज़

आजकल बच्‍चे टॉफी और चॉकलेट्स के अलावा कुछ खाना नहीं चाहते। आइसक्रीम बर्गर पिज्‍जा बेहद पसंद है। ऐसे में छोटी सी उम्र में ही बच्‍चों को दांतों की कई समस्‍याएं हो रही हैं। ज्‍यादातर बच्‍चों के दांतों में कीड़ा लगने की बात भी सामने आ रही है।

बच्‍चों के दांतों की देखभाल के बारे में बतातीं डा. नेहा सक्‍सेना।

आगरा, टॉफी और चॉकलेट्स तो बच्‍चों को हमेशा से पसंद हैं। पहले के जमाने में माता पिता नियंत्रण रखते थे लेकिन अब तो फरमाइश हुई नहीं कि तुरंत पूरी हो गई। फास्‍ट फूड के इस दौर में बच्‍चों के दांतों में मजबूती नहीं आ पा रही। ज्‍यादातर माता पिता अपने बच्‍चों को डाक्‍टर के पास लेकर पहुंचते हैं कि इसके दांत में कीड़ा लग गया है या दांत टेढ़े आ रहे हैं। मुंह में से स्‍मैल आती है। इस तरह की दिक्‍कतों को देखभाल से दूर किया जा सकता है।

दरअसल बच्चों में दांत निकलने से पहले, उनके मसूड़ों और जीभ की साफ-सफाई का ध्यान देना जरूरी है। इससे बच्चों के दांत और मसूड़े स्वस्थ रहेंगे। आगरा में डेंटिस्‍ट डा. नेहा सक्‍सेना के मुताबिक बच्चे के संपूर्ण सेहत को सुनिश्चित करने के लिए उसके दांतों की देखभाल के लिए ये टिप्‍स अपनाए जा सकते हैं-

 छोटे बच्चों के दांतों की देखभाल ठीक से ना करें, तो उनके दांतों में कीड़े जल्दी लग जाते हैं। एक से तीन साल के बच्चे खुद से अपने दांतों की देखभाल नहीं कर सकते हैं। ऐसे में पेरेंट्स को ही उनकी दांतों की साफ-सफाई का ख्याल रखना होगा। बच्चों की ओरल हेल्थ (Kids Oral Health) का ख्याल आपको उनके दांत निकलने के बाद से ही शुरू कर देना चाहिए। दांत निकलने से पहले, उनके मसूड़ों और जीभ की भी साफ-सफाई का ध्यान देना जरूरी है। इससे बच्चों के दांत और मसूड़े स्वस्थ रहेंगे। उनमें जर्म्स, कैविटी नहीं होगी।

दो बार करें ब्रश

जब आपके बच्चे का दांत निकलने लगे, तो दिन में दो बार ब्रश जरूर करें। सुबह और रात में सोने से पहले। बच्चों के मसूड़े नाजुक होते हैं, ऐसे में उनके लिए सॉफ्ट-ब्रिसल्ड टूथब्रश खरीदें। सर्कुलर मोशन में ब्रश कराएं। जीभ को भी साफ करनेे के प्रति ध्‍यान देना चाहिए।

एक बार फ्लॉश है जरूरी

जब बच्चे के दो से तीन दांत आ जाएं, तो उसके बाद से ही फ्लॉश करना शुरू कर दें। इससे दांतों के बीच फंसा खाना निकल जाएगा और दांतों में कीड़े नहीं लगेंगे। 

रात में ना दें दूध की बोतल

अक्सर कुछ मांएं अपने बच्चे को सुलाने के लिए दूध का बोतल तो मुंह में लगाती हैं, लेकिन उसे देर तक निकालती नहीं। जब बच्चा सो जाता है, तो भी मुंह में दूध की बोतल ना लगा रहने दें। इससे दांत शुगर के संपर्क में अधिक देर तक रहते हैं, जिससे कैविटी लगने की चांसेज बढ़ जाती हैं। 8 से 10 साल होते-होते बच्चे को बोतल से दूध पिलाने की आदत छुड़ाएं और कप से दूध पिलाना शुरू करें।

हेल्दी हो बच्चों का फूड

बच्चे को कम उम्र से ही ब्रेड, बिस्किट, नूडल्स, चॉकलेट आदि अधिक खाने के लिए ना दें। हेल्दी फूड खिलाएं। अधिक चॉकलेट खाने से दांतों में चिपके रहते हैं, जो कैविटी को बढ़ाते हैं। दांतों को हेल्दी रखने के लिए विटामिन डी, सी, बीटा कैरोटीन, कैल्शियम आदि पोषक तत्वों से भरपूर फूड्स खिलाएं।

पेसिफायर ना पकड़ाएं। कई बार ये नीचे गिरते रहते हैं और उसे ही बच्चा मुंह में डालता है। इससे ओरल हेल्थ खराब होता है। शिशु की ओरल हाइजीन का ख्याल रखना बहुत जरूरी है। पेसिफायर रबर या सिलिकॉन का बना निपप्ल जैसा होता है। इसे टीथर भी कहा जाता है। अक्सर पेरेंट्स दांत निकलने पर बच्चे को पेसिफायर देते हैं। बच्चा जब एक साल का हो जाए, तो इसे देना बंद कर दें।

डेंटिस्ट से मिलकर चुनें सही ब्रश और टूथपेस्ट

बच्चों के लिए उम्र के साथ टूथपेस्ट और टूथब्रश बदलते है, डेंटिस्ट से सलाह लेकर ही बच्चों के लिए टूथपेस्ट और ब्रश चुनेंं। ज्‍यादा समय तक एक ही ब्रश का इस्‍तेमाल न कराएं।

Place: 

Scholarly Lite is a free theme, contributed to the Drupal Community by More than Themes.