राखी का बाजार भी कोरोना काल में हो गया ऑनलाइन, घर बैठे हो रहे आर्डर

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RGA न्यूज़

रक्षाबंधन पर कोरोना काल में 60 फीसद बढ़ी आनलाइन राखी की खरीददारी। शहर के विभिन्न बाजारों में घट गई राखी की दुकानें। रुद्राक्ष और भगवान की मूर्ति वाली राखी की बढ़ी मांग। बच्‍चों के लिए अलग से आई हैं कार्टून कैरेक्‍टर वाली राखियां।

रक्षाबंधन के लिए अब ज्‍यादातर युवतियां ऑनलाइन राखी खरीद रही हैं

आगरा, यह बंधन प्यार का है, जिंदगी भर की सुरक्षा के वायदे के विश्वास का है। इस प्यार और विश्वास की डोर को कलाई पर बांधने के लिए बहनें तैयार हैं, पर कोरोना का डर अभी खत्म नहीं हुआ है। यह डर बाजार पर भी हावी है। इस साल बाजार जाकर राखी खरीदने से ज्यादा महिलाएं और युवतियां आनलाइन शापिंग को तरजीह दे रही हैं। शहर के बाजारों में सजी राखी की दुकानों पर केवल 40 फीसद महिलाएं ही पहुंच रही हैं, जबकि 60 फीसद महिलाएं आनलाइन राखी खरीद रही हैं।

हर त्योहार की तरह रक्षाबंधन पर भी अब आनलाइन शापिंग करने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है। इंटरनेट मीडिया पर ऐसी कई वेबसाइटें हैं, जहां राखियों की काफी बड़ी रेंज उपलब्ध है। इन वेबसाइटों पर राखियों पर आफर भी दिए जा रहे हैं, जो महिलाओं को खासे पसंद आ रहे हैं।आनलाइन राखी आर्डर कर चुकी न्यू आगरा का आरती गोयल ने बताया कि कोरोना का डर अभी खत्म नहीं है। बाजारों में भीड़ जरूरत से ज्यादा है, ऐसे में अपने घर से सुरक्षित खरीददारी की है। शाहगंज की शिवानी अरोरा ने तो अपने और अपनी बेटियों के लिए भी आनलाइन ही राखी खरीदी हैं।लुहार गली में राखी का व्यापार करने वाले प्रियांशु यादव ने बताया कि कोरोना काल में बाजार ठंडा है। महिलाएं बाजार से ज्यादा आनलाइन शापिंग को ज्यादा पसंद कर रही हैं। कोरोना से पहले जहां शहर के विभिन्न बाजारों में राखी का तीन हजार से ज्यादा दुकानें लगा करती थीं, वहीं अब उनकी संख्या घटकर दो हजार तक रह गई है।

यहां लगती हैं राखी की दुकानें

लुहार गली, शाहगंज, बोदला, कमलानगर, सदर, राजामंडी, बल्केश्वर, न्यू आगरा, दयालबाग।

रुद्राक्ष और भगवान की मूर्ति वाली राखी का ट्रेंड

लुहार गली स्थित राखी विक्रेता देव प्रकाश ने बताया कि रुद्राक्ष राखी, गणेश राखी और शिव राखी की डिमांड बढ़ी है। इसके साथ ही वीरा राखी, बिग ब्रो राखी, स्टोन राखी, कुंदन राखी, चंदन राखी, मेटल राखी, फूल की राखी को भी पसंद किया जा रहा है। इन राखियों की कीमत पांच रुपये से लेकर 200 रुपये तक है। चांदी की राखियों भी बनती है, पर इनकी कीमत हजारों में होती है।

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