विद्यार्थियों को कालेज भेजने की अनुमति देने वाले अभिभावक भी आएंगे कालेज

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RGA न्यूज़

माध्यमिक विद्यालयों को बंद रखा गया था। अब 16 अगस्त से कक्षा नौवीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को फिर से विद्यालय बुलाया जाना शुरू किया गया है। मगर विद्यार्थियों को अभिभावकों की अनुमति के साथ ही विद्यालय आने के आदेश दिए गए हैं।

विद्यार्थियों को अभिभावकों की अनुमति के साथ ही विद्यालय आने के आदेश दिए गए है

अलीगढ़, कोरोना संक्रमण काल के चलते माध्यमिक विद्यालयों को बंद रखा गया था। अब 16 अगस्त से कक्षा नौवीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को फिर से विद्यालय बुलाया जाना शुरू किया गया है। मगर विद्यार्थियों को अभिभावकों की अनुमति के साथ ही विद्यालय आने के आदेश दिए गए हैं। जिन विद्यार्थियों के पास अभिभावकों की लिखित अनुमति नहीं होगी वे कालेज में नहीं आ सकेंगे। अब बोर्ड के नए नियम के चलते अनुमति देने वाले अभिभावकों को भी कालेज में आना होगा। जितने विद्यार्थी शुरुआती एक हफ्ते में विद्यालय आ रहे हैं उनके जरिए अभिभावकों के लिए संदेश भी शिक्षकों की ओर से भिजवाए जा रहे हैं।

शैक्षिक कलेंडर जारी

यूपी बोर्ड ने सत्र 2021 की पढ़ाई व परीक्षाओं की तैयारी के लिए शैक्षिक कैलेंडर जारी कर दिया है। इसमें खास गतिविधि ये भी शामिल की गई कि हर महीने शिक्षक-अभिभावकों की आनलाइन या आफलाइन मीटिंग भी करना अनिवार्य किया गया है। हर विद्यार्थी की नियमित पढ़ाई का मूल्यांकन कर शिक्षक उसकी रिपोर्ट तैयार करेंगे। फिर इस रिपोर्ट व मूल्यांकन को अभिभावकों के साथ साझा भी किया जाएगा। उनके साथ विद्यार्थी के मूल्यांकन पर विमर्श कर सुझाव साझा किए जाएंगे। बोर्ड से जारी शैक्षिक कैलेंडर में शिक्षकों व अभिभावकों की मीटिंग के निर्देश हैं। विद्यार्थी को अगर शिक्षण में कोई समस्या या कमजोरी है तो उसको शिक्षक व अभिभावक मिलकर दूर करेंगे। आनलाइन व आफलाइन पढ़ाई नियमित हो इसके लिए अभिभावकों का इससे जुड़ना बहुत जरूरी है। सभी प्रधानाचार्यों को निर्देशित किया गया है कि विद्यार्थियों का मूल्यांकन नियमित कर अभिभावकों संग बैठक कर रिपोर्ट साझा की जाए। जिन विद्यार्थियों ने विद्यालय आना शुरू किया है। पहले उनके अभिभावकों को बुलाकर शिक्षक विद्यार्थियों की पढ़ाई के संबंध में चर्चा करेंगे।

डीआइओएस डा. धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि नवंबर में विद्यार्थियों की छमाही परीक्षाएं भी होनी हैं। इसलिए तेजी से पढ़ाई पर ध्यान देते हुए कोर्स को पूरा करने की जिम्मेदारी शिक्षकों व अभिभावकों दोनों पर होगी। शिक्षक-अभिभावकों की मीटिंग में इस पर गहनता से विमर्श किया जाएगा। इससे विद्यालय व घर पर विद्यार्थी की बेहतर तैयारी हो सकेगी।

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