![harshita's picture harshita's picture](https://bareilly.rganews.com/sites/bareilly.rganews.com/files/styles/thumbnail/public/pictures/picture-2585-1622647100.jpg?itok=uOzLfLx7)
![](https://bareilly.rganews.com/sites/bareilly.rganews.com/files/news/17_08_2021-dctor15935690576661617089028825_21934439_0.jpg)
RGA न्यूज़
जसरथपुर स्थित राजकीय ट्रामा सेंटर करीब तीन साल बाद भी शुरू नहीं हो पाया था। नवागत डीएम सेल्वा कुमारी जे ने आते ही ट्रामा सेंटर की सुध ली। खुद निरीक्षण करने पहुंची। अधिकारियों को भेजा। तत्काल शिफ्टवार विशेषज्ञों की नियुनियुक्ति कराई
डीएम सेल्वा कुमारी जे ने आते ही ट्रामा सेंटर की सुध ली। खुद निरीक्षण करने पहुंची।
अलीगढ़, जसरथपुर स्थित राजकीय ट्रामा सेंटर करीब तीन साल बाद भी शुरू नहीं हो पाया था। नवागत डीएम सेल्वा कुमारी जे ने आते ही ट्रामा सेंटर की सुध ली। खुद निरीक्षण करने पहुंची। अधिकारियों को भेजा। तत्काल शिफ्टवार विशेषज्ञों की नियुक्ति कराई। संचालन शुरू भी हो गया, लेकिन एडी हेल्थ डा. एसके उपाध्याय ने यहां नियुक्त किेए गए सघन चिकित्सा विशेषज्ञ (निश्चेतक) डा. ओपी गौतम को नगर निगम में स्थानांतरित कर दिया। डा. गौतम का एडी ने नगर स्वास्थ्य अधिकारी बनाया है। इससे ट्रामा सेंटर के संचालन में खलल पड़ गया है। सीएमओ डा. आनंद उपाध्याय ने डीएम को मामले से अवगत करा लिया है। एडी हेल्थ के इस फैसले पर तमाम सवाल उठाए जा रहे हैं।
नियम विरुद्ध आदेशों से घिरे एडी हेल्थ
एडी हेल्थ डा. उपाध्याय ने जब से मंडल का चार्ज संभाला है, अपने निर्णयों को लेकर सवालों के घेरे में रहे हैं। नियम विरुद्ध डाक्टरों व कर्मचारियों के तबादले हों या अन्य कोई कार्य। एडी हेल्थ किसी की अनुमति या सहमति नहीं ले रहे। ट्रामा सेंटर के स्पेशलिस्ट को नान नगर स्वास्थ्य अधिकारी जैसे नान स्पेशलिस्ट पद पर नियुक्त किए जाना का फैसले को लेकर भी तमाम सवाल उठाए जा रहे हैं। एडी हेल्थ द्वारा डा. गौतम को नगर स्वास्थ्य अधिकारी बनाने में रुचि लेने के तमाम मायने तलाशे जा रहे हैं।
खुद को बता रहे जिला समिति के सह अध्यक्ष
एडी हेल्थ की ओर से जितने भी आदेश पारित किए जा रहे हैं, उनमें स्वयं को जिला स्वास्थ्य समिति का सह अध्यक्ष बताया जा रहा है, जो पूरी तरह गलत है। यह मुद्दा जून माह में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में भी उठाया गया। उनके द्वारा लिए गए तमाम फैसलों पर उंगली उठाई गईं। तत्कालीन डीएम चंद्रभूषण सिंह ने उन्हें पत्र भी जारी किया। उनका स्थानांतरण होते ही फिर से शिकायतें बढ़ गई हैं। नवागत डीएम तक शिकायतेें पहुंच रही हैं, जो विभागीय बैठकों में इसके लिए नाराजगी प्रकट कर चुकी हैं। हैरानी की बात ये है कि एडी हेल्थ न तो किसी के सवालों का जवाब दे रहे हैं और न अपनी कार्य प्रवृत्ति बदल रहे हैं। देखना ये है कि ऐसा कब तक चलता है।