अलीगढ़ का नाम बदलने के प्रस्ताव से गरमाई सियासत, नेताओं ने क्‍या कहा, जानिए विस्‍तार से

harshita's picture

RGA न्यूज़

अलीगढ़ का नाम हरिगढ़ करने का प्रस्ताव जिला पंचायत बोर्ड की बैठक में पास होने के बाद जिले में सियासत गरमाने लगी है। प्रस्ताव सोमवार को पास हुआ था। इसकी मंगलवार को दिनभर चर्चा रही। इसे लेकर राजनीतिक दलों के लोग बहस करते नजर आए।

अलीगढ़ का नाम हरिगढ़ करने का प्रस्ताव जिला पंचायत बोर्ड की बैठक में पास हो गया

 अलीगढ़, अलीगढ़ का नाम हरिगढ़ करने का प्रस्ताव जिला पंचायत बोर्ड की बैठक में पास होने के बाद जिले में सियासत गरमाने लगी है। प्रस्ताव सोमवार को पास हुआ था। इसकी मंगलवार को दिनभर चर्चा रही। इसे लेकर राजनीतिक दलों के लोग बहस करते नजर आए। भाजपा प्रस्ताव को उचित बता रही है। विपक्षी दलों ने कड़ी आपत्ति जताई है। विपक्षी दलों के नेताओं ने इसे चुनावी जुमला बताया है। भाजपा नेताओं पर जिले की पहचान मिटाने और विकास कार्यों से जनता का ध्यान भटकाने का आरोप लगाया है। इनका कहना है कि नाम परिवर्तन से बेहतर है कि जनहित में विकास कार्य कराए जाएं

हरिगढ़ का प्रस्ताव पास होने से किसी को दिक्कत नहीं होनी चाहिए। इससे तो हरि का ही स्मरण होगा। हम ब्रज में रहते हैं। विपक्ष हमारे विकास कार्यों पर कभी चर्चा नहीं करता। इस तरह के निर्णय लिए जाते हैं तो विरोध शुरू हो जाता है।

ऋषिपाल सिंह, जिलाध्यक्ष भाजपा

जनप्रतिनिधियों पर विकास कार्य कराए नहीं जा रहे, जनता का ध्यान भटकाने का प्रयास किया जा रहा है। पहली बात तो यह कि जिला पंचायत की बोर्ड बैठक ही अवैध है। नियमानुसार बैठक में पदेन सदस्य ही भाग ले सकते हैं। जबकि, बैठक में सदस्यों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। मंच पर जिला पंचायत अध्यक्ष विजय सिंह के साथ उनके पति श्यौराज सिंह और बेटे भी थे। इनके अलावा सुधीर चौधरी व अन्य लोग भी मौजूद रहे। बोर्ड बैठक में इन लोगों का क्या काम था। कमिश्नर से मुलाकात कर बैठक को अवैध घोषित करने की मांग करेंगे।

गिरीश यादव, जिलाध्यक्ष सपा

अलीगढ़ का नाम बदलने का प्रस्ताव भाजपा की हताशा, वादा खिलाफी और धोखे की पराकाष्ठा है। यह चंद लोगों का प्रस्ताव है। इसमें आम जनता की सहमति नहीं है। भाजपा समाज की एकता, अखंडता को खंडित करना चाहती है। सरकार के प्रतिनिधियों का विकास कार्यों पर कोई ध्यान नहीं है।

बिजेंद्र सिंह, पूर्व सांसद व सपा नेता

किसानों ने सरकार बदलने का मन बना लिया है। किसान आंदोलन से भाजपा दहशत में हैं। अब ये लोगों की धाॢमक भावनाओं से खिलवाड़ करने की फिराक में है,पर जनता अब इनकी चाल समझ चुकी है। जनता बेरोजगारी, महंगाई, ध्वस्त कानून व्यवस्था पर वोट करेगी। हरिगढ़ के झांसे में नहीं आएगी।

रतनदीप सिंह, जिलाध्यक्ष, बसपा अलीगढ़

भाजपा सरकार असल मुद्दों से जनता का ध्यान हटाना चाहती है। इसलिए शहरों के नाम बदले जा रहे हैं। इससे जनता का भला नहीं होगा। विकास के नाम पर जनता से वोट लेने वाली योगी सरकार जनता को गुमराह कर रही है। नामों को लेकर यह औछी मानसिकता का परिचय है।

कालीचरण सिंह, जिलाध्यक्ष, रालोद

जनपद की आधी आबादी मुस्लिम है तो नाम हरिगढ़ कैसे हो सकता है। जनपद का नाम बदलने का प्रस्ताव निंदा योग्य है। अलीगढ़ गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल है। भाजपाइयों को यह रास नहीं आ रहा। वे कभी जिन्ना तो कभी हरिगढ़ नाम पर धाॢमक और राजनीतिक बंटवारा करने की कोशिश कर रहे हैं।

रूबीना खानम महानगर अध्यक्ष, सपा महिला मोर्चा

अगले छह महीने में प्रदेश में चुनाव हैं। अलीगढ़ को स्मार्ट सिटी बनाने के वादे खोखले साबित हुए हैं। जनता को भटकाने के लिए अलीगढ़ का नाम बदलने का हथकंडा अपनाया है। नाम बदलने से समस्याएं दूर नहीं होंगी। ये आवाम के जज्बात से खिलवाड़ है।

हुजैफा आमिर, निवर्तमान सचिव, एएमयू छात्रसंघ

जिला पंचायत अध्यक्ष विजय सिंह ने कहा है कि जिला पंचायत सदन के सभी सदस्यों की सर्व सम्मति से यह प्रस्ताव पास हुआ है। ये सदस्य पूरे जिले की जनता प्रतिनिधित्व करते हैं। ऐसे में इस प्रस्ताव से किसी को परेशानी नहीं होनी चाहिए। अब यह जिले के जनसमूह से जुड़ा मामला है। सदस्यों के बहुमत को देखते हुए जिला पंचायत अब शासन स्तर पर भी जल्द से जल्द नाम बदलने के लिए पैरोकारी करेगा।

News Category: 

Scholarly Lite is a free theme, contributed to the Drupal Community by More than Themes.