बरेली में जल निगम ने PWD का किया तगड़ा नुकसान, सीवर ट्रंक लाइन के लिए खोद डाली डेढ़ साल पहले बनी 32 लाख की सीसी सड़क

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RGA न्यूज़

जिले के विकास के लिए एक साथ कई प्रोजेक्ट चल रहे हैं लेकिन काम कराने को लेकर अधिकारियों में तालमेल का जबरदस्त अभाव है। यही कारण है कि सरकार का लाखों रुपये खराब हो रहा है।

बरेली में जल निगम ने PWD का किया तगड़ा नुकसान

बरेली, जिले के विकास के लिए एक साथ कई प्रोजेक्ट चल रहे हैं, लेकिन काम कराने को लेकर अधिकारियों में तालमेल का जबरदस्त अभाव है। यही कारण है कि सरकार का लाखों रुपये खराब हो रहा है। किला पुल के नीचे की सर्विस रोड को देखकर यह साबित भी हो जाता है। वहां जलभराव की समस्या से निजात दिलाने के लिए करीब डेढ़ साल पहले पीडब्ल्यूडी ने सीसी (सीमेंट, कंक्रीट) की सड़क डाली थी। इस पर करीब 32 लाख रुपये खर्च भी किया गया था, लेकिन जल निगम ने ट्रंक सीवर लाइन बिछाने के लिए पूरी रोड खोद दी है। अगर जल निगम के प्लान में यह मार्ग था तो अधिकारियों ने सड़क निर्माण में लाखों रुपये खर्च क्यों होने दिया। काम को रोका क्यूं नहीं। शहर की जनता अधिकारियों से यह सवाल पूछ रही है। अब फिर एक बार सड़क की मरम्मत में सरकार का लाखों रुपये खर्च होगा।

सड़क बनने से पहले शुरू हो गया था सीवर का काम 

शहर के सेंट्रल भाग में करीब 12.5 किलोमीटर ट्रंक सीवर लाइन बिछाने के लिए शासन ने अक्टूबर 2018 में फंड जारी कर दिया था। वर्ष 2019 में जल निगम ने ट्रंक लाइन बिछाने का काम शुरू भी कर दिया था। इसके लिए कई सड़कों को एक साथ खोदा गया। इसी बीच 2020 में पीडब्ल्यूडी ने करीब आठ सौ मीटर की सीसी सड़क बना दी। इसके निर्माण में करीब 32 लाख रुपये का खर्च आया।

अधिकारियों में नहीं तालमेल, मनमानी पर उतारू ठेकेदार

शहर में चल रहे विकास कार्यों को सुगमता से कराने के लिए अधिकारियों को बीच तालमेल का अभाव है। इसी के चलते ठेकेदार मनमानी पर उतारू हैं। ट्रंक सीवर लाइन बिछाने का काम गाजियाबाद की सतीश कुमार एंड कंपनी कर रही है। कंपनी एक साथ काफी दूर तक सड़क खोद रही है, फिर ट्रंक लाइन बिछाने के बाद भी उसे महीनों तक ठीक नहीं कर रही। सीवर लाइन बिछाने के कार्य का सुपरविजन नगर निगम के जलकल महाप्रबंधक को करना था, लेकिन कुछ नहीं हो रहा है। इस पर एक बार नोडल अधिकारी नवनीत सहगल ने भी अधिकारियों के क्लास ली थी।

जलभराव की दिक्कतों को दूर करने को बनाई थी सीसी सड़क 

किला पुल के नीचे सर्विस रोड पर कोलतार की सड़क जलभराव के कारण टिक नहीं पा रही थी। इस पर बार-बार गहरे गड्ढे हो रहे थे। लोग गिरकर चोटिल हो रहे थे और वाहन भी लगातार पलट रहे थे। सड़क के दूसरी ओर रेलवे की दीवार होने के कारण वहां पानी की निकासी नहीं थी। इस पर वहां सीसी सड़क बनाई गई जिसे डेढ़ साल में ही खोद दिया गया।

- पहले पुल की दूसरी सर्विस रोड पर ही ट्रंक सीवर लाइन डालने का प्लान था, लेकिन वहां जमीन के नीचे पुरानी सीवर लाइन, नाला और बहुत सारे केबिल होने के कारण उसे बदलना पड़ा। सड़क की मरम्मत कराकर उसे पूर्व की तरह करा दिया जाएगा। संजय कुमार, अधिशासी अभियंता, जल निगम

- इंजीनियरों से मिली जानकारी के मुताबिक सड़क पर खोदाई शुरू होने से पहले पता चलने पर जल निगम के अधिकारियों से बात की थी। उन्होंने दूसरी ओर सर्विस रोड पर सीवर लाइन डालने में दिक्कत बताई थी। सड़क ठीक करने का भरोसा भी दिया था। अरविंद कुमार, अधिशासी अभियंता, पीडब्ल्यूडी

काफी प्रयासों के बाद किला पुल के नीचे की सड़क बनाई गई थी। उसे तोड़कर सरकारी धन का नुकसान किया है। रिंकू उर्फ राकेश

जलभराव के कारण पुरानी सड़क पर काफी गड्ढे हो गए थे। इस कारण वहां वाहन पलट रहे थे। तब सड़क बनी थी। शिवजी

रेलवे की दीवार होने के कारण सड़क पर पानी की निकासी नहीं होती थी। इस कारण सड़क पर गड्ढे हो जाते थे। दीपक कश्यप

जल निगम का काम कही भी ठीक नहीं चल रहा है। सीवर लाइन डालने के बाद भी महीनों सड़क को कच्ची छोड़ देते हैं।राहुल

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