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आइआइटी कानपुर के एमटेक के पूर्व छात्र नितिन चराटे ने दो इनोवेटर के सा मिलकर कोरोना काल में आक्सीजन की कमी होने पर दस लीटर वाला आक्सीजन केन तैयार किया है। इससे एक बार यूज करने पर दाे सौ पफ लिए जा सकते हैं।
पूर्व छात्र ने मेक इन इंडिया के तहत बनाया है।
कानपुर, कोरोना काल ने हमें आक्सीजन की अहमियत बता दी है। न जाने कितने मरीजों ने इसकी कमी से दम तोड़ दिया था, अब ऐसे मरीजों को राहत मिलेगी। आइआइटी के स्टार्टअप स्पिन नैनोटेक प्राइवेट लिमिटेड ने एक ऐसा आक्सीजन केन बनाया है, जिससे सांस के रोगियों को घर पर तुरंत उपचार दिया जा सकता है। घर से अस्पताल के बीच की दूरी तय करने में भी यह उखड़ती सांसों के लिए संजीवनी साबित होगा क्योंकि इसमें 200 पफ (स्प्रे) की सुविधा है। जरूरत के हिसाब से ये मरीज को कई बार दिया जा सकता है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि इसे मेक इन इंडिया के तहत आइआइटी स्थित ईस्पिन नैनोटेक स्टार्टअप ने 10 लीटर आक्सीजन का आक्सीजन केनिस्टर (आक्सीजन केन) बनाया है।
यूनिवर्सिटी डिपार्टमेंट आफ केमिकल टेक्नोलाजी जलगांव से एमटेक के पूर्व छात्र नितिन चराटे ने बीटेक के पूर्व छात्र सोहिल पटेल व मयूर धांडिया के साथ मिलकर यह स्वदेशी कांपैक्ट आक्सीजन सिलिंडर तैयार किया है। यह केन अब आम आदमी तक पहुंचने लगा है। अभी तक इस प्रकार के केन विदेश से आते थे, जो केन हमारे देश में बनते भी थे उसमें आक्सीजन की मात्रा बेहद कम रहती है।
उन्होंने 10 लीटर आक्सीजन का केन बनाया है, जिससे 200 शाट लिए जा सकते हैं। इस छोटे केन में आक्सीजन मास्क भी जुड़ा हुआ है। इसे केन से जोड़कर परफ्यूम की शीशी की तरह दबाया जाता है। मरीज को जितनी आक्सीजन चाहिए उसे उतनी मात्रा में निकाला जा सकता है। अभी इसे swasa.in वेबसाइट के जरिए आर्डर किया जा सकता है। इसकी कीमत 450 रुपये है। जल्द ही यह मेडिकल स्टोर व अस्पतालों में भी उपलब्ध होगा।
मास्क बना सबकी पसंद
कानपुर शहर में आइआइटी कानपुर का बनाया मास्क सबकी पसंद बन चुका है। पांच फिल्टर वाला ये मास्क कम कीमत में बाजार में उतारा गया और लोगों ने पसंद किया है। स्वसा की ओर से बनाया मास्क कोरोना संक्रमण काल में कंपनियों और संस्थानों ने भी खूब लिया है।