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RGA न्यूज़
आठ साल के चंद्रवीर ने सुनाई पुनर्जन्म की कहानी। जिद पर पिता ले गए उस गांव जिसकी करता था अक्सर बातें। उस गांव में सामने आते ही पूर्व जन्म के माता-पिता के छुए पैर। अचंभे में डूबे मैनपुरी में नगला सलेही और नगला अमर सिंह के ग्रामीण।
पूर्व जन्म के माता पिता से मिलने जब ये बच्चा चंद्रवीर पहुंचा तो भीड़ जुट गई।
आगरा, 'करन-अर्जुन' तो लगभग सभी ने देखी है। पुनर्जन्म पर आधारित ये फिल्म हिट रही थी। विज्ञान और तकनीक का दौर है। पुनर्जन्म की कथाएं सभी ने सुनी हैं लेकिन विज्ञान की कसौटी पर इन बातों को अक्सर नकार दिया जाता है। मैनपुरी में आठ साल के बच्चे की दास्तां जब सुनेंगे तो यकीन हो जाएगा कि ये कोरा अंधविश्वास नहीं है, इस तरह की घटनाएं होती हैं। यहां आठ साल पहले नहर में डूबने से मृत बालक ने पूर्व जन्म के माता-पिता को पहचाना तो देखने वाले दंग रह गए। आठ साल पहले अपने बेटे को खोने वाले दंपती की आंखों से आंसू टपकने लगे। बच्चे चंद्रवीर ने जैसे ही कहा कि वो उनका बेटा रोहित है, दंपती ने उसे बांहों में भर लिया।
मैनपुरी में गुरुवार तीसरे पहर का वाकया है। नगला सलेही से करीब चार किलोमीटर दूर स्थित नगला अमर सिंह निवासी रामनरेश शंखवार अपने आठ वर्षीय पुत्र चंद्रवीर को लेकर प्रमोद कुमार के घर के बाहर पहुंचे। चंद्रवीर दौड़कर प्रमोद के घर में घुस गया। उस समय प्रमोद और उनकी पत्नी ऊषा घर में नहीं थे। कुछ देर में ही प्रमोद और ऊषा आ गए। चंद्रवीर ने मम्मी-पापा कहते हुए दोनों के पैर छुए। बताया कि वह उनका बेटा रोहित है तो दंपती हैरान रह गए। जिस बेटे का अंतिम संस्कार उन्होंने आठ साल पहले खुद किया था, वह सामने कैसे हो सकता है? चंद्रवीर ने बताया कि यह उसका दूसरा जन्म है। चंद्रवीर की बात सुनकर दंपती की आंखों से आंसू आ गए। उसे सीने से लग
पुनर्जन्म में चंद्रवीर के माता, पिता और बहन।
छह साल की उम्र से आने की कह रहा था
पिता रामनरेश ने बताया कि चंद्रवीर का जन्म 30 जून 2013 को हुआ। दो वर्ष की उम्र में ही वो बोलने लगा। तभी नगला सलेही का नाम लेने लगा था। छह साल की उम्र में चंद्रवीर नगला सलेही जाने की जिद करने लगा। वो अक्सर अपने पूर्व जन्म की घटना सुनाता था। बाल हठ देख गुरुवार तीसरे पहर चंद्रवीर को लेकर नगला सलेही पहुंच गए।
शिक्षक को देखते ही छू लिए पैर
प्रमोद कुमार के घर भीड़ देखकर प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक सुभाष चंद्र यादव भी आ गए। उन्हें देखते ही चंद्रवीर ने गुरुजी कहते हुए उनके पैर छू लिए। इतना ही नहीं, चंद्रवीर ने गांव के अन्य लोगों को भी पहचान कर उनके नाम बताए। उसने विद्यालय पहुंचकर अपना क्लास रूम भी पहचान लिया।
चंद्रवीर और पूर्व जन्म का रोहित।
नगला सलेही में रुकना चाहता था चंद्रवीर
चंद्रवीर ने कुछ दिन अपने पूर्व जन्म के माता-पिता के साथ रहने की इच्छा जताई। प्रमोद और उनकी पत्नी भी चंद्रवीर को कुछ दिन अपने साथ रखना चाहती थीं। लेकिन चंद्रवीर के पिता रामनरेश इसके लिए तैयार नहीं थे। गांव के लोगों के समझाने पर रामनरेश ने वादा किया कि वह बेटे को समय-समय पर यहां लाते रहेंगे।
फ्लैशबैक
नगला सलेही निवासी प्रमोद कुमार श्रीवास्तव का 13 वर्षीय पुत्र रोहित चार मई 2013 को गांव के बच्चों के साथ नहर में नहाने गया था। तभी डूबने से उसकी मौत हो गई थी।
एक थ्योरी, पुनर्जन्म को सही मानती है और इसी पर पास्ट लाइफ थैरेपी काम करती है। जबकि दूसरी थ्योरी पुनर्जन्म को नहीं मानती है, इसके अनुसार बच्चा बोलने से पहले समझना शुरू कर देता है। उसके आसपास जो भी घटनाक्रम हो रहे हैं, अपने स्वजन और अन्य माध्यम से जो बातें सुनते हैं वह अचेतन मन में रहती हैं। इससे कई बार बच्चे उन घटनाक्रमों को जोड़कर बातें बताने लगते हैं और इसे पुर्नजन्म समझ लिया जाता है।